महिलाओं के लिए पारिवारिक कानून विषय पर पर विशेष जागरूकता एवं साक्षरता शिविर का अयोजन किया गया।
उ0प्र0राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मंशानुरूप माननीय जनपद न्यायाधीश श्री राम अचल यादव के दिशा निर्देशों के अनुक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बाराबंकी द्वारा मुख्यालय स्तर पर ए0डी0आर0 भवन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बाराबंकी में आज दिनांक-15.10.2020 को महिलाओं के लिए पारिवारिक कानून विषय पर पर विशेष जागरूकता एवं साक्षरता शिविर का अयोजन किया गया।
कार्यक्रम में सचिव श्वेता चन्द्रा के अतिरिक्त कार्यक्रम की रिसोर्स पर्सन श्रीमती कुरैशा खातून, रिसोर्स पर्सन श्रीमती दौलता कुमारी, कार्यालय सहायक विपिन कुमार सिंह, लवकुश कनौजिया, सौरभ शुक्ला, गंगाराम, मोहित, शिवराम, प्रदीप के अतिरिक्त अन्य लोग भी मौजूद रहे।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्वेता चन्द्रा कोविड-19 के संक्रमण के खुद को और अन्य लोगों को भी संक्रमित होने से बचाने के विषय में जानकारियां देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के क्रिया कलापों, सुलह समझौता, मध्यस्थता, परिवार परामर्श केन्द्र इत्यादि के विषय में जानकारियां दी गई। समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों की रोकथाम के लिए न्याय पालिका द्वारा बनाये गये कानून के विषय में बताते हुए कहा गया कि किसी भी समाज व राष्ट्र के उत्थान के लिए वहां की महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, अवसर की समानता, सम्मान एवं सुरक्षा का आंकलन किया जाना आवश्यक है। महिलाएं भोग विलास का सामान नहीं बल्कि घर परिवार की आधारशिला हैं हमें महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना कानून के डर से नहीं बल्कि शिक्षा से पैदा करना होगा।
रिसोर्स पर्सन श्रीमती कुरैशा खातून द्वारा न्यायिक पृथक्करण एवं सम्पत्ति में महिलाओं के अधिकार विषय पर विस्तार से जानकारियां दी। कुरैशा खातून द्वारा बताया गया कि कोई भी व्यक्ति अपनी पत्नी को उसकी सम्पत्ति से पृथक नहीं कर सकता। व्यक्ति के जीवन काल में एवं उसकी मृत्यु के पश्चात भी पत्नी का उसकी सम्पत्ति मे पहला अधिकार बनता है। यदि कोई अपनी पत्नी को उसकी सम्पत्ति से उसका हक उसे नहीं देता है तो न्यायालय के द्वारा वह अपने अधिकारों की मांग कर सकती है। विवाह, तलाक इत्यादि में महिलाओं को अपनी राय रखने का पूरा हक दिया जाना चाहिए। जिस समाज में महिलाओं को इन अधिकारों से वंचित किया जाता है वह आदर्श समाज हरगिज नही हो सकता है। इसके अतिरिक्त उन्होनें महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए सजग रहने के लिए भी कहा।
रिर्साेस पर्सन दौलता कुमारी द्वारा विवाह, तलाक एवं भरण पोषण के विषय में विस्तार से जानकारियां दी गई। उनके द्वारा बताया गया कि कोई भी महिला जो अपने पति से अलग रहने के लिए मजबूर है वह अपने जीवन यापन के लिए अपने पति से गुजारा पाने की अधिकारी है यदि महिला के साथ उसके अवयस्क बच्चे भी रहते हैं तो वह उनके लिए अगल से गुजारा प्राप्त करने की अधिकारी होगी। माननीय उच्चतम न्यायालय, माननीय उच्च न्यायालय भी समय सयम पर भरण-पोषण के अधिकारों के सरक्षण के लिए दिशा निर्देश जारी करते रहे हैं। इसके अतिरिक्त तीन तलाक जैसी कुरीति को दूर करने के लिए सरकार एवं न्याय पालिका दोनों कार्यरत है। तीन तलाक पीड़िता को त्वरित न्याय मिल सके इसके लिए भी कानून में प्राविधान किये गये हैं।
कार्यक्रम में संचालन कार्यालय प्रभारी विपिनक कुमार सिंह द्वारा किया गया। कार्यालय सहायक लवकुश कनौजिया व सौरभ शुक्ला द्वारा इस शिविर में महिलाओं को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा बनवाई गई प्रचार विडियो फिल्म्स का प्रसारण कर शिविर को मनोरंजक, रोचक एवं अधिक ज्ञानवर्धक बनाया गया। सभी महिलाओं ने इन विडियो फिल्म्स को ध्यानपूर्वक देखा एवं समाज में घटित होने वाले अपराधों एवं उन अपराधों पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कृत कार्यवाहियों को समझा।