भाषा, साहित्य, संस्कृति और पर्यटन के उन्नयन और विकास को नई दिशा मिलेगी।

रिपोर्ट :-शिवा वर्मा (संपादक)
बाराबंकी। भारत नेपाल के बीच साझा कार्यक्रमों,गतिविधियों को बढ़ावा देने के वृहत्तर उद्देश्यों के साथ नेपाल भारत अवधी परिषद के गठन से भाषा, साहित्य, संस्कृति और पर्यटन के उन्नयन और विकास को नई दिशा मिलेगी।
उक्त विचार प्रदीप सारंग नव निर्वाचित सचिव- नेपाल भारत अवधी परिषद ने उत्तर प्रदेश साहित्य सभा बाराबंकी इकाई व महाजन सेवा संस्थान द्वारा मुनीश्वर विहार कालोनी में आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम में व्यक्त किये। अपने अभिनंदन कार्यक्रम में श्री सारंग ने यह भी कहा कि नेपाल का मधेश क्षेत्र कभी भारत का हिस्सा हुआ करता था, राजनैतिक निर्णयों से आज वह नेपाल में है किंतु आज भी उनकी बोली भाषा अवधी, तथा संस्कृति सनातन संस्कृति ही है। उनके आराध्य भगवान राम, भगवान शंकर, व हनुमान जी हैं।
अभिनंदन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार समिति के अध्यक्ष डॉ विनयदास ने कहा कि अवधी नेपाल की राष्ट्रीय भाषा है और हमारे देश से अधिक विकसित है। वहाँ अवधी में पाठ्यक्रम संचालित हैं। हमें उनसे बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। डॉ दास ने यह भी कहा कि निश्चित ही परिषद के गठन से दोनों देशों के साहित्यकारों के बीच आपसी रिश्ते मजबूत होंगे।
विशिष्ट अतिथि डॉ बलराम वर्मा प्राचार्य वीणा सुधाकर ओझा महाविद्यालय ने कहा कि प्रदीप सारंग ऊर्जावान व्यक्तित्व हैं। हम सभी साथ के सामूहिक प्रयासों से परिषद के मन्तव्य पूरे होंगे। डॉ वर्मा ने नेपाल के साहित्यकारों को आभार भी कहा।
डॉ राम बहादुर मिश्रा अस्वस्थ होने के कारण अभिनंदन कार्यक्रम में नहीं पहुँच सके किन्तु सर्वसम्मति से परिषद का समन्वयक चुने जाने पर उन्हें भी बधाई दी गयी।
कवि प्रदीप महाजन जिला संयोजक उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के संयोजन एवं संचालन में सम्पन्न अभिनंदन कार्यक्रम के पश्चात काव्य संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें साहित्य सभा के जिला अध्यक्ष रवि अवस्थी की वाणी वन्दना से आरम्भ हुई काव्य गोष्ठी में किरण भारद्वाज, जितेंद्र श्रीवास्तव जित्तू, साहब नारायण शर्मा, सोहन लाल आजाद, प्रदीप सारंग, प्रदीप महाजन ने काव्यपाठ किया। माला फूल, शाल, स्मृति चिन्ह प्रदान कर अभिनंदन करने वालों में शिवकुमार मौर्य, सदानन्द वर्मा, शिल्पा देवी, रमेश चन्द्र रावत, अब्दुल खालिक आदि प्रमुखतः उपस्थित रहे।