बोली, भाषा, साहित्य, संस्कृति विषय पर गीत, गजल कविताएं, किहनियाँ एवं शोधपत्र प्रस्तुत किये जायेंगे।

रिपोर्ट :- शिवा वर्मा (संपादक)
बाराबंकी। तीन दिवसीय साहित्य संगोष्ठी नेपाल में भारतीय साहित्य मनीषियों द्वारा बोली, भाषा, साहित्य, संस्कृति विषय पर गीत, गजल कविताएं, किहनियाँ एवं शोधपत्र प्रस्तुत किये जायेंगे। इस साहित्य संगोष्ठी का वृहत्तर उद्देश्य दोनों देशों के बीच साहित्यिक सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ बनाना है। नेपाल गंज स्थित महेंद्र पुस्तकालय में तीन दिनों तक विभिन्न स्तरों ओर मंथन चलेगा।
उक्त जानकारी देते हुए प्रदीप सारंग सचिव अवध भारती संस्थान ने बताया कि नेपाल गंज नेपाल में होने वाले तीन दिवसीय भारत-नेपाल सहित्य संगोष्ठी में भारत से दो संस्थाओं अवध भारती संस्थान एवं कथारंग के 15 सदस्य सहभागिता करेंगे।
वरिष्ठ पत्रकार रजनीकांत वशिष्ठ के संयोजन व नूतन वशिष्ठ के नेतृत्व तथा डॉ राम बहादुर मिश्रा व वरिष्ठ चिन्तक साहित्यकार राजेन्द्र वर्मा के संरक्षण में नेपाल गंज पहुँचने वाले भारतीय साहित्यकार दल में डॉ राम बहादुर मिश्रा, राजेन्द्र वर्मा, रजनीकांत वशिष्ठ, नूतन वशिष्ठ, डॉ आराध्य शुक्ल, प्रदीप सारंग, पुनीता अवस्थी,अनुपमा शरद, कौंतेय जय सिंह, अनमोल मिश्रा, द्वारिका नाथ पाण्डेय, अलंकार रस्तोगी, अमिता पाण्डेय, नवनीत मिश्रा, ममता शुक्ला शामिल हैं।
भारतीय सहित्यकार दल के संयोजक रजनीकांत वशिष्ठ के अनुसार भारतीय दल में सम्मिलित सभी साहित्य मनीषियों की अपनी अलग विशेषता है। सभी मिलकर भारतीय साहित्य-संस्कृति की विभिन्न विधाओं विभिन्न पहलुओं पर अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे। जिसमें कथारंग की संस्थापिका नूतन वशिष्ठ के नेतृत्व में सस्वर किहनियों के वाचन प्रस्तुत होंगे तो अनमोल मिश्र गीत गजल के रंग बिखेरेंगे। इसी प्रकार कौंतेय जय सिंह, प्रदीप सारंग के स्वरचित अवधी गीतों के स्वर गूँजेंगे तो डॉ राम बहादुर मिश्र, राजेन्द्र वर्मा, व डॉ आराध्य शुक्ल के शोधपत्रों पर एक नई दृष्टि से परिचर्चा सम्भव हो सकेगी।
नेपाल के साहित्य मनीषी नेपाल एकेडमी के पूर्व सदस्य सचिव सनत रेग्मी के संयोजन में सम्पन्न होने वाली तीन दिवसीय साहित्य संगोष्ठी में सम्मिलित होने भारतीय साहित्यकारों का 15 सदस्यीय दल एक विशेष वाहन से नेपाल जाएगा। साहित्य संगोष्ठी में नेपाल का साहित्यिक सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व करने के महेन्द्र पुस्यतकालय के अध्यक्ष बलराम यादव, अवधी के वरिष्ठ साहित्यकार सच्चिदानन्द चौबे, उर्दू के वरिष्ठ साहित्यकार अब्दुल लतीफ शौक , शशांक शेखर चटर्जी, डा.गोपाल प्रसाद अधिकारी, नेपाल अकेडमी के सदस्य हंशावति कुर्मी, भाषा आयोग नेपाल के सदस्य गोपाल अश्क व अमर गिरी, मेयर प्रशांत बिष्ट इत्यादि विद्वान उपस्थित रहेंगे।