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मैनपुरी

प्रेम प्रसंग में रोड़ा बना था रमईहार का नंद किशोर, इसलिए शूटर की मदद से गोली मार कर हुई थी उसकी हत्या

रिपोट हिमांशु यादव मैनपुरी

जनपद मैनपुरी अभी कुछ दिन पहले 11-जून की सुबह सुबह यह सूचना मिली थी कि गाँव रमईहार के पास एक व्यक्ति की 2 गोली मार कर हत्या कर दी गई है। मृतक नंद किशोर का शव मक्के के खेत की फेंसिंग पर लटका मिला था। परिजनों ने गाँव के ही दो लोगों राकेश व दिवाकर को नामज़द कराते हुए मुकद्मा दर्ज कराया था। पुलिस की तफ्तीश चालू हुई तो पुलिस ने हर ऐंगल पर पड़ताल किया। नामज़द अभियुक्तों से सघन पूछताछ हुई। पर, मामला काफ़ी पेचीदा होने के कारण अपेक्षित परिणाम न निकल सका। तफ्तीश चालू होने के कुछ ही दिन बाद मृतक की पुत्री अंजली और गाँव के ही एक युवक सोनू उर्फ़ सुनील के बीच प्रेम संबंधों की बात मुखबिरों द्वारा पता चली तो घटना में एक नया ट्विस्ट आ गया। लड़की के प्रेमी सोनू उर्फ़ सुनील (उम्र 20 वर्ष, फ़ार्मेसी का छात्र) से जब पूछताछ हुई तो शुरू में वह पुलिस पर ही गुर्राने लगा। लेकिन सोनू बार बार अपना बयान बदल रहा था। इस पर पुलिस का शक गहराता गया और जब पुलिस ने हिकमत अमली से पूछताछ शुरू की तो घटना प्याज़ के छिलके की तरह पर्त दर पर्त खुलती गई। अंत में सोनू ने अपने जुर्म का इक़बाल किया और रोते-बिलखते हुए पुलिस को बताया कि “मृतक नंद किशोर ने मेरी प्रेमिका अंजली को फ़ोन पर मुझसे बात चीत करते हुए पकड़ लिया था। इसके बाद से अंजली के घर में काफ़ी सख़्ती हो गई थी। यही नहीं, मृतक ने अंजली की शादी दूसरी जगह तय करने के बाद मुझे अकेले में बुलाकर जान से मार डालने की धमकी तक दे डाली थी, तब मैं काफ़ी डर गया था, और तभी से मैं नंद किशोर को रास्ते से हटाने के बारे में सोचने लगा था। इसी बीच मेरी गाँव के ही शार्प शूटर ब्रहमपाल से दोस्ती हो गई, उसको सारा प्लान बताया। उसने मर्डर करने के लिए रूपया 50,000 माँगे, मैं तैयार हो गया और 10,000 एडवांस भी दे दिए। इसके कुछ ही दिन बाद शूटर ब्रहमपाल ने 2 तमंचो की व्यवस्था की। संतोष नामक आदमी ने कारतूसों की व्यवस्था की, और प्लान फ़ाइनल हो गया। 10-जून की रात मैं और ब्रह्म पाल मर्डर करने की नीयत से निकले। मृतक नंद किशोर रोज़ाना की तरह ख़ाना खाकर अपनी ट्यूबवेल पर सोने के लिए निकला। हम दोनों पीछे लग गए। जैसे ही नंद किशोर मक्का के खेतों के बीच पहुँचा हमने उसे घेर कर एक एक करके दो गोलियाँ पेट और सिर में मार दी। मैंने पेट में गोली मारी और ब्रहमपाल ने सिर में गोली मार दी। नंद किशोर फेंसिंग पर गिर गया, और हम दोनों भाग गए और दोनों तमंचों को प्राइमरी स्कूल के पीछे खेत में छिपा दिया। सुबह हुई तो गाँव के लोगों को मर्डर के बारे में पता चला, फ़ौरन पुलिस भी आ गई थी। उस वक्त हम भी उसी भीड़ में शामिल थे। फिर जब दो अलग अलग लोगों की नामज़दगी हुई तो हम दोनों बहुत खुश हुए और ठहाका लगा कर हँसे भी थे। लेकिन साहब भगवान को कुछ और ही मंज़ूर था, हमें माफ़ कर दिया जाए, आइंदा ऐसा काम नहीं करेंगे।”इसके बाद पुलिस टीम द्वारा न केवल शूटर ब्रहमपाल को गिरफ़्तार कर लिया गया बल्कि दोनों असलहों को रमईहार गाँव वालों की मौजूदगी में उनके सामने ही सोनू और ब्रहमपाल की निशान देही पर प्राइमरी स्कूल के पीछे वाले खेत से बरामद भी कर लिया गया।इस खुलासे से एक तरफ न केवल मुख्य दो हत्यारे सोनू और शूटर ब्रहमपाल जेल की सलाख़ों के पीछे जा रहे हैं तो दूसरी तरफ़ दो निर्दोष नामज़दों राकेश व दिवाकर की ज़िन्दगी अपराधी होने के दाग से बच गई है। पुलिस की मेहनत, लगन व दिन-रात काम करने से ही यह संभव हो सका है। इस निष्पक्षतापूर्ण कार्य को देखते हुए थाना प्रभारी कोतवाली भानु प्रताप सिंह, सर्विलांस प्रभारी जोगिन्दर व स्वाट प्रभारी राम नरेश व उनकी टीम को रूपया 25,000 का नक़द ईनाम प्रदान किया जा रहा है।

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