जन-आस्था के धन्नाग तीर्थ महोत्सव 2022 में विराट कवि-सम्मेलन।
रिपोर्ट :- शिवा वर्मा (संपादक)
बाराबंकी। जन-आस्था के धन्नाग तीर्थ महोत्सव 2022 में विराट कवि-सम्मेलन महंत बाबा विक्रम दास की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।
डॉक्टर छेत्रपाल यादव स्मृति सेवा शिविर लोहिया मंच द्वारा आयोजित विराट कवि-सम्मेलन की मुख्य अतिथि सुश्री श्रेया वर्मा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष समाजवादी महिला सभा ने दीप जलाकर शुभारम्भ करते हुए कहा कि जब-जब देश पर संकट आया है तो किसानों और साहित्यकारों ने बाखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाई है। इस साहित्यिक अनुष्ठान में दोनों वर्ग उपस्थित हैं मुझे विश्वास है कि ये कवि-सम्मेलन मनोरंजन के साथ राष्ट्रीय चेतना जागरण करने में सफल होगा।
कवि प्रदीप महाजन के संयोजन व हास्य कवि विकास बौखल के संचालन में सम्पन्न कवि सम्मेलन कवयित्री साधना कवँल की माँ वन्दना से शुरू हुआ। कवि सम्मेलन में लखनऊ से आये ओज कवि प्रमोद द्विवेदी ‘प्रमोद’ ने देशभक्ति की रचना पढ़ी तो भारत माँ के जयकारे लगने लगे- “बच्चा-बच्चा जहाँ राष्ट्र रक्षार्थ सिद्ध हो एटम बम।
उस भारत को दास बनाये बोलो इतनी किसमें दम।।”
हास्य कवि प्रदीप महाजन ने दोहरी शासन व्यवस्था पढ़ी गयी टिप्पणी खूब सराही गयी- “कहां से माल आएगा प्रणाली देख लेते हैं। भले हो बाढ़ सूखा ऋतु निराली देख लेते हैं। व्यवस्था दो तरह की देखिए शासन प्रशासन की।
दिखाई सांड न देते पराली देख लेते हैं।।”
जिला सिद्धार्थ नगर से आई कवयित्री साधना “कंवल” ने श्रृंगार रस का गीत पढ़ा तो श्रोताओं ने मस्ती में तालियों का महोत्सव बना दिया- “तुम्ही शुभ घड़ी हो मुहूर्त तुम्हीं हो। कठिन जिंदगी की जरूरत तुम्हीं हो। पता है तुम्हें मैं हूं राधा तुम्हारी। मेरे दिल में कान्हा की मूरत तुम्हीं हो।।”
हास्यकवि अजय प्रधान ने देश के दुर्भाग्य को रेखांकित करते हुए पढ़ा कि- “नदी की धार में बस रेत के ही पांव टिकते हैं। मुखौटे ओढ़कर मेमने भी शेर दिखते हैं। जिन्हें आता नहीं है ढंग से हस्ताक्षर करना, वही संसद में मेरे देश की तकदीर लिखते हैं॥”
गीतकार प्रदीप सारंग ने एम ए पास लड़की और अनपढ लड़के के जीवन की दुश्वारियों को उजागर करते हुए गीत पढा- “सजना मिलिगा निरौनिर गँवार, जिनिगिया कइसन पार होइहै। करैं रातिव दिन तकरार उमिरिया कइसन पार होइहै।”
लखनऊ की श्रृंगार कवयित्री हेमा पांडेय ने पढ़ा- “जमाने में हुआ करती यहां लाखो की बदमाशी। कभी शाखो की बदमाशी कभी पाँखो की बदमाशी। अजूबे सात दुनियां में मगर अब आठवां ये है। मेरी आंखों का भोलापन तेरी आंखों की बदमाशी।”
वीर रस के कवि आनंद कौशल ‘आन’ ने पढ़ा- “युद्ध क्षेत्र मे आये हो तो पीठ दिखा के मत जाना। पौरुष साबित करना है तो लड़ना बहुत जरूरी है।” शायर वकार काशिफ, अजीत यादव तथा स्थानीय कवि सूरज यादव व रामकिशुन यादव ने भी काव्यपाठ किया।
धन्नाग तीर्थ मेला महोत्सव के संयोजक रामसूचित यादव व अध्यक्ष परमानंद यादव ने सभी का स्वागत किया। अमरनाथ यादव प्रधान ग्राम सभा शिवरा, अभिमन्यु यादव, शारदा बक्स यादव शेर बहादुर यादव, राधे लाल यादव, नेता अखिलेश यादव, प्रवीण यादव, प्रीतम सिंह यादव, विमलेश यादव, डॉ ओपी यादव, एड. लवकुश यादव, कौशल यादव एवं डॉ लवकुश यादव, उदयभान रावत उपस्थित रहे।