
रिपोर्ट :- शिवा वर्मा (संपादक)
नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) ई-कोर्ट परियोजना के अंतर्गत एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के रूप में बनाए गए 18,735 जिला और अधीनस्थ न्यायालयों और उच्च न्यायालयों के आदेशों, निर्णयों एवं मामलों के विवरण का एक डेटाबेस है। संबंधित जिला और तालुका न्यायालयों द्वारा लगभग रियल टाइम (वास्तविक समय) के आधार पर डेटा अपडेट किया जाता है। यह देश के सभी कम्प्यूटरीकृत जिला और अधीनस्थ न्यायालयों की न्यायिक कार्यवाहियों/निर्णयों से संबंधित आंकड़े उपलब्ध कराता है। सभी उच्च न्यायालय भी वेब सेवाओं के माध्यम से नेशनल ज्यूडिशिलय डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) में शामिल हो गए हैं, जो वादी जनता को आसान पहुंच सुविधा प्रदान करते हैं।
इलास्टिक सर्च तकनीक का उपयोग करते हुए ई-कोर्ट सेवा प्लेटफॉर्म के माध्यम से वर्तमान में वादी 23.58 करोड़ से अधिक मामलों और अब तक इन कम्प्यूटरीकृत अदालतों से संबंधित 22.56 करोड़ से अधिक आदेशों/निर्णयों के संबंध में मामले की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। एनजेडीजी पर सिविल और आपराधिक दोनों मामलों के लिए केस डेटा उपलब्ध है। इसमें मामले की अवधि के साथ-साथ राज्य और जिले के आधार पर नीचे के स्तर तक विश्लेषण करने की क्षमता है। एनजेडीजी लंबित मामलों की पहचान, प्रबंधन और लंबित मामलों को कम करने के लिए एक निगरानी उपकरण के रूप में काम करता है। यह मामलों के निपटान में देरी को कम करने में नीतिगत निर्णय लेने के लिए समय पर इनपुट प्रदान करने में सहायता करता है और लंबित मामलों को कम करने में मदद करता है। यह अदालत के प्रदर्शन और प्रणालीगत बाधाओं की बेहतर निगरानी की सुविधा भी प्रदान करता है, और इस प्रकार, एक कुशल संसाधन प्रबंधन उपकरण के रूप में कार्य करता है। भूमि विवादों से संबंधित मामलों को ट्रैक करने के लिए, 26 राज्यों के भूमि रिकॉर्ड डेटा को एनजेडीजी के साथ जोड़ा गया है।
विश्व बैंक ने 2018 के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड की प्रशंसा की कि इसने केस मैनेजमेंट रिपोर्ट उत्पन्न करना संभव बनाया, जिससे अनुबंध को लागू करना आसान हो गया। भारत सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रीय डेटा साझाकरण और अभिगम्यता नीति (एनडीएसएपी) के अनुरूप विभागीय आईडी और एक्सेस कुंजी का उपयोग करके एनजेडीजी डेटा तक आसान पहुंच की अनुमति देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को ओपन एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) प्रदान किया गया है। यह संस्थागत वादियों को अपने मूल्यांकन और निगरानी उद्देश्यों के लिए एनजेडीजी डेटा तक पहुंचने की अनुमति देगा। भविष्य में गैर-संस्थागत वादियों के लिए भी इस सुविधा का विस्तार करने का प्रस्ताव है।