नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों से लगातार बहकर आ रहे पानी से भारतीय क्षेत्र की नदियों का जलस्तर बढ़ने से घाघरा नदी विकराल रुप कर चुकी है धारण

स्टेट हेड शमीम की रिपोर्ट
मिहींपुरवा/बहराइच- नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों से लगातार बहकर आ रहे पानी से भारतीय क्षेत्र की नदियों का जलस्तर बढ़ने से घाघरा नदी विकराल रुप धारण
कर चुकी है जिसके चलते तह० के कई गांव कटान के प्रकोप में आ चुके है घाघरा के रौद्र रुप के चलते थाना सुजौली अंर्तगत चहलवा गांव मजरे दूधनाथ पुरवा का अस्तित्व समाप्ति की ओर है दूधनाथपुरवा के करीब 25 से अधिक घर नदी में कट चुके है तथा हजारो बीघा कृषि योग्य भूमि भी नदी में समाहित हो चुकी है। दूधनाथपुरवघ के ग्रामीण अपने बचे हुये घर को स्वयं तोड़ कर घर के छप्पर व समान को लेकर सुरक्षित स्थान पर पहुंच रहे है यहाँ बने प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय व दूधनाथ पुरवा में कायाकल्प के तहत विद्यालय का सुंदरीकरण हुआ था जिसके चलते विद्यालय में टाइल्स टायल्स व रनिंग वाटर का कार्य कराया गया था रविवार को नदी के तेज बहाव के चलते
विद्यालय के दो कक्ष व है डवाश पियाऊ नदी में सामहित हो गये है तथा पूरा विद्यालय नदी में समाहित होने के कगार पर है। ग्रामीणों ने गांव पर आयी इस प्राकृतिक आपदा पर प्रशासन को आड़े हाथ लेते हुये अपनी उपेक्षा का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि राहत कार्य के नाम पर प्रशासन ने सिर्फ औपचारिकता ही निभायी है। ग्रामीणों का कहना है कि हमारे गांव में अभी तक क्षेत्रीय लेखपाल व कानूनगो तक नही पहुंचे है न ही स्वास्थ्य विभाग से कोई चिकित्सक ही यहां पहुंचा है। इसके अलावा हमारे मवेशियों की देखभाल हेतु कोई पशु चिकित्सक भी नही भेजा गया है।