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बाराबंकी

नशे की हालत में पाए जाते हैं फार्मेसिस्ट, सीएमओ साहब नहीं लगा पा रहे अंकुश

गर्भवती महिलाओं और दिव्यांगों के साथ अवैध वसूली तथा शराब के नशे की हालत में की जाती है अभद्रता

सिद्धौर, बाराबंकी। योगी सरकार का नहीं है भय पूरी तरह से मनमानी पर उतारू हैं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र असंद्रा के डॉक्टर और फार्मासिस्ट। दिव्यांगों से लेकर गर्भवती महिलाओं तक को जिले के सिद्धौर ब्लाक के थाना क्षेत्र असंद्रा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र असंद्रा अकोहरी में तैनात फार्मेसिस्ट का मामला हुआ उजागर । उच्चाधिकारियों के आदेश को दरकिनार कर पूरी तरह से मनमानी पर उतारू हैं फार्मासिस्ट यशोदा नंदन उपाध्याय।आपको बताते चलें की गर्भवती महिला संगीता पत्नी रामहेत निवासी देवरी शेषपुर जाहिद अली थाना असन्द्रा क्षेत्र की महिला के साथ व दिव्यांग तक को नहीं छोड़ता है तैनात फार्मेसिस्ट यशोदा नंदन उपाध्याय। साहब अपनी करतूतों के चलते आए दिन क्षेत्र की जनता पर दबाव बनाते देखे जा सकते हैं। कहीं ऐसा तो नहीं मोटी कमाई को ऊपर तक पहुंचाने की वजह से सीएचसी अधीक्षक सिद्धौर भी मामले को संज्ञान में नहीं ले रहे हैं क्योंकि इसका खुला इशारा इसी बात को प्रमाणित कर रहा है कि फार्मेसिस्ट साहब ऊपर तक का चढ़ावा दे रहे या फिर साहब का नशे की हालत में पीएचसी केंद्र असन्द्रा के अन्दर देखा जाना भी क्या आम बात है। इन महाशय के साथ अगर किसी उच्च अधिकारी का संरक्षण हैं तभी तो ऐसी स्थिति की संभावना उजागर हो सकती है, अगर ऐसा नहीं है तो फार्मासिस्ट साहब के इतने हौसले बुलंद क्यों क्योंकि ग्रामीणों की माने तो समाज को नशे से मुक्त करने के लिए सरकार द्वारा और एनजीओ की तरफ से अनेक कार्यक्रमों का भी आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है फिर भी असंन्द्रा पीएचसी के सीनियर फार्मासिस्ट साहब आखिर कब तक मनमानी क्षेत्र के अस्पताल में करेगें। दिव्यांग गुड्डू दवा लेने जाते हैं, तो फार्मेसिस्ट साहब नशे से धुत दिव्यांग से 150 रूपए मांगने से शरमाये तक नहीं। इसके आगे हद हो गई क्योंकि दिव्यांग को देशी शराब की दो क्वाटर लेकर आओ और दवा ले जाओ। आस पास के गांवों को दबंग फार्मेसिस्ट साहब की जीहूजी करना मजबूरी सी बन गई है, क्योंकि साहब जी अक्सर नशे की दशा में ड्यूटी में देखे जा सकते हैं। परिवार में अगर कोई भी सदस्य नशेड़ी होता है तो समझो परिवार के लोग आजीवन दुखि रहते हैं साथ में परिवार के माता पिता, भाई बहन और पत्नी सभी यह चाहते हैं कि मेरा परिवार खुशहाल रहे और किसी को नशे की लत न लगे। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र असंन्द्रा पर मरीजों को घंटों इंतजार करने के बाद मरीजों को निःशुल्क इलाज के नाम पर शोषण किया जा रहा है। जबकि सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च कर अस्पताल बनवाया जाता है और अच्छे अच्छे डॉक्टरों की नियुक्ति की जाती है कि आम जनमानस को समय पर निशुल्क इलाज और बेहतर इलाज मिल सके लेकिन ऐसे डॉक्टर और फार्मासिस्ट सरकार की मंशा पर पानी फेरते हुए नजर आ रहे हैं स्थानीय लोगों ने नाम न छापने किस शर्त पर बताया कि यहां पर डॉक्टर मदन गोपाल वर्मा और फार्मासिस्ट यशोदा नंदन उपाध्याय फार्मासिस्ट धर्मानंद फार्मासिस्ट जितेंद्र कुमार यादव की पोस्टिंग है जिसमें से सिर्फ फार्मासिस्ट यशोदा नंदन उपाध्याय ड्यूटी पर शराब के नशे में देखे जाते हैं बाकी और कोई ड्यूटी पर नशे में कभी नहीं देखा गया है लेकिन कभी भी कोई समय पर ड्यूटी नहीं आता हैं और न ही प्रतिदिन आते हैं कभी हफ्ते में एक बार कभी हफ्ते में दो बार ही आते हैं सूत्रों के मुताबिक सूचना मिलने पर हमारे संवाददाता के द्वारा आज दिनांक 7/12/ 2021 को समय 11:30 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र असंद्रा पर जाकर देखा गया तो अस्पताल में डॉक्टर मदन गोपाल वर्मा मौजूद थे और न ही फार्मासिस्ट यशोदा नंदन उपाध्याय और न ही धर्मानंद सिर्फ जीतेंद्र कुमार व चौकीदार गुरु प्रसाद मौजूद मिले। सवांददाता के पूछने पर डॉक्टर मदन गोपाल वर्मा ने बताया की फार्मासिस्ट यशोदा नंदन उपाध्याय ने फोन पर बताया कि मेरी इमरजेंसी ड्यूटी है और धर्मानंद की छुट्टी की एप्लीकेशन है संवाददाता ने जब एप्लीकेशन दिखाने को कहा तो मौके पर एप्लीकेशन नहीं मिला इससे साफ जाहिर होता है कि कुल मिलाकर पूरे मामले पर खानापूर्ति की जाती है । इन लोगों के द्वारा उच्च स्तरीय अधिकारियों को भी गुमराह किया जाता है यह पूरा कारनामा देख कर संवाददाता के द्वारा सीएचसी अधीक्षक हरप्रीत सिंह से फोन पर जानकारी ली गई तो सिद्धौर CHC अधीक्षक साहब ने बताया कि किसी की कोई इमरजेंसी ड्यूटी नहीं है। और न ही किसी की कोई छुट्टी की एप्लीकेशन है। जिसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग और अस्पताल की वीडियो रिकॉर्डिंग मौजूद है।

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