सिरौलीगौसपुर बाराबंकी
धान की फसल में बालियां निकलने के पश्चात हल्दिया रोग “कूढुर ” ने हमला बोल दिया है जिससे दानों का समुचित विकास न होने के चलते किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ती चली जा रही हैं ।
भारत एक कृषि प्रधान देश है यहां की करीब 70 फीसदी जनसंख्या खेती पर ही निर्भर है जिस पर घर के सारे खर्चों का दारोमदार निर्भर करता है किसानों ने अपने खेतों में करीब 3 माह पूर्व धान के पौधों की रोपाई कर दिया था शुरुवाती दौर से लेकर अब तक तो विगत वर्षों के की अपेक्षा फसल काफी अच्छी रही और पौधों का विकास भी काफी हुआ जिसे देख कर के किसान प्रसन्न हो रहे थे अब धान की फसल में बालियां निकल आई हैं जब फसल पकने लगी तो धान की बालियों में हल्दिया ” कूढुर ” रोग ने हमला बोल दिया धान की बालियों पर हल्दी के सदृश्य गोल गांठे पड़ जाती हैं जिन को छूने से पीले रंग का पाउडर निकलता है जिससे अब दानो को यह रोग नष्ट कर रहा है तमाम उपचार करने के उपरांत भी कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है ।
इस संबंध में किसान विनोद कुमार परसराम मैकूलाल आदि बताते हैं कि किसान लगातार घाटे की खेती करता चला रहा है विगत वर्ष ओलो के गिरने से रबी की फसल नष्ट हो गई थी किसानों के हाथ कुछ भी नहीं लगा इधर धान की फसल में जब बालियां निकल आई फसल पकना शुरू हुई तो हल्दिया रोग ने उस पर हमला कर दिया है जिससे अब आशा के अनुरूप पैदावार नहीं हो पाएगी काफी उपचार के बावजूद भी कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है लेकिन क्या किया जाए ईश्वर के आगे किसी का कोई वश नहीं चलता है ईश्वर को जो मंजूर होता है वही होता है ।