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भारतस्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

डॉ. मनसुख मांडविया ने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में 2 क्रिटिकल केयर ब्लॉक और एक बीएसएल-3 प्रयोगशाला का शिलान्यास किया

उन्होंने आंध्र प्रदेश के विभिन्न जिलों में 7 आईपीएचएल प्रयोगशालाओं का उद्घाटन किया

लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा से संबंधित बुनियादी ढांचा व सेवाएं प्रदान करना हमारी सरकार की जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता है क्योंकि सिर्फ एक स्वस्थ देश ही विकसित देश बनने की आकांक्षा रख सकता है: डॉ. मांडविया

“केन्द्र सरकार न केवल देश में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को उन्नत एवं विस्तारित करके स्वास्थ्य के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपना रही है, बल्कि चिकित्सा पेशेवरों की आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु अधिक संख्या में मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेज भी बना रही है”

रिपोर्ट:-शमीम 

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में 2 क्रिटिकल केयर ब्लॉक और एक बीएसएल-3 प्रयोगशाला का शिलान्यास किया। उन्होंने राज्य के विभिन्न जिलों में स्थापित की जाने वाली 7 एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर, आंध्र प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती विदादाला रजनी भी उपस्थित थीं।

ये नई सुविधाएं आंध्र प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा से जुड़े बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देंगी और स्वास्थ्य संबंधी किसी भी आपात चुनौतियों से निपटने में मदद करेंगी।

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कार्यक्रम में अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, डॉ. मांडविया ने कहा कि बीएसएल प्रयोगशाला, सात एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं और दो क्रिटिकल केयर ब्लॉक में एक बार कामकाज शुरू हो जाने पर, ये सुविधाएं आंध्र प्रदेश के लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगी। इन सुविधाओं के लाभार्थियों को बधाई देते हुए, उन्होंने कहा, “लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा से संबंधित बुनियादी ढांचा व सेवाएं प्रदान करना हमारी सरकार की जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता है क्योंकि सिर्फ एक स्वस्थ देश ही विकसित देश बनने की आकांक्षा रख सकता है।”

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केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इन नई सुविधाओं के जरिए और अधिक सरलता से चिकित्सा सेवाएं हासिल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि “केन्द्र सरकार न केवल देश में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को उन्नत और विस्तारित करके स्वास्थ्य के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपना रही है, बल्कि चिकित्सा पेशेवरों की आवश्यकता को पूरा करने हेतु अधिक संख्या में मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेज भी बना रही है।” उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि आज देश में एम्स की संख्या बढ़कर 23 हो गई है और देश में एमबीबीएस और नर्सिंग सीटों की संख्या दोगुनी हो गई है।

डॉ. मांडविया ने देश की स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु केन्द्र और राज्यों के बीच सामूहिक प्रयासों की जरुरत पर बल दिया। उन्होंने राज्यों के स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े प्रयासों के प्रति केन्द्र सरकार के समर्थन और प्रतिबद्धता को दोहराया।

श्रीमती विदादाला रजनी ने कहा कि पीएम-एबीएचआईएम के तहत आंध्र प्रदेश में बनने वाली ये नई सुविधाएं राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने में मदद करेंगी। केन्द्र से प्राप्त होने वाले समर्थन और मार्गदर्शन की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा कि “पीएम-एबीएचआईएम के तहत आंध्र प्रदेश को प्राप्त 1271 करोड़ का पर्याप्त आवंटन राज्य में किसी भी स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति से निपटने में समर्थ सुदृढ़ व्यवस्था का निर्माण करेगा।”

इस कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री अशोक बाबू और स्वास्थ्य मंत्रालय एवं आंध्र प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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