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दिल्ली

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इंटेलिजेंट शिकायत निगरानी प्रणाली (आईजीएमएस) 2.0 सार्वजनिक शिकायत पोर्टल और ट्री डैशबोर्ड में स्वचालित विश्लेषण का शुभारंभ किया

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी)  ने “डिजिटल डीएआरपीजी” के अंतर्गत पहले सप्ताह के दौरान बड़े पैमाने पर विशेष अभियान 3.0 शुरू किया

सार्वजनिक शिकायतों के प्रभावी निवारण के लिए अखिल भारतीय एकीकृत सेवा पोर्टल, एआई/उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर मुख्य बल दिया गगया

 

रिपोर्ट:-शमीम 

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 29 सितंबर 2023 को “डिजिटल डीएआरपीजी” विषयवस्तु के तहत प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) में विशेष अभियान 3.0 का शुभारंभ किया। इस  “डिजिटल डीएआरपीजी” विषय वस्तु के अंतर्गत प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने अखिल भारतीय एकीकृत सेवा वितरण पोर्टल को बढ़ावा देने, सार्वजनिक शिकायतों में लंबित मामलों को कम करने, जन शिकायतों

के प्रभावी समाधान के लिए कृत्रिम बुद्धिमता (एआई)/उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए एवं स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देने और कार्यालय में स्वच्छता और कुशल रिकॉर्ड प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए एआई/उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने, स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देने और कार्यालय में स्वच्छता और कुशल रिकॉर्ड प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान 3.0 के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।

एकीकृत सेवा पोर्टल : डीएआरपीजी ने 56 अनिवार्य ई-सेवाओं के अलावा 164 सेवाओं की पहचान करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सेवा का अधिकार आयुक्तों सहित सेवा का अधिकार कार्यान्वित करने करने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 27 वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक बुलाई। सेवा का अधिकार (आरटीएस) के मुख्य आयुक्तों को डीएआरपीजी के “एनईएसडीए वे फॉरवर्ड” प्रकाशनों के बारे में अवगत कराया गया। डीएआरपीजी द्वारा जारी यह छह  एनईएसडीए वे फॉरवर्ड मासिक रिपोर्टें एनईएसडीए – वे फॉरवर्ड” डैशबोर्ड पर राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा प्रदान की जाने वाली ई-सेवाओं और अनिवार्य ई-सेवाओं की संख्या के लिए आधार रेखा निर्धारित करती है। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को पहचान विहीन, स्वत-संज्ञान लेकर सेवा प्रदान करने और एकीकृत सेवा वितरण पोर्टल को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर संवेदनशील बनाया गया। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने ऑफ़लाइन सेवाओं को ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर बदलने के लिए सेक्टर-वार ई-सेवाओं और राज्य-विशिष्ट अवसरों पर चर्चा की गई। वर्तमान में  राज्य/केंद्र शासित प्रदेश 14,736 ई-सेवाएँ प्रदान करते हैं, जिनमें से जम्मू और कश्मीर अधिकतम 1028 ई-सेवाएँ प्रदान करता है। 2,016 अनिवार्य ई-सेवाओं में से 1,505 उपलब्ध हैं, जिससे संतृप्ति 74.6 प्रतिशत हो गई है। जम्मू और कश्मीर, केरल और ओडिशा अपनी 100 प्रतिशत सेवाएँ क्रमशः अपने पहचाने गए एकल एकीकृत सेवा वितरण पोर्टल यानी ई-उन्नत (यूएनएनएटी), ई-सेवानम और ओडिशा वन के माध्यम से प्रदान करते हैं। आरटीएस आयुक्तों ने आश्वासन दिया कि एकीकृत सेवा पोर्टल को अपनाने और राज्यों में ई-सेवाओं को संतृप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। सीपीजीआरएएमएस में भारत जीपीटी को अपनाना: डीएआरपीजी ने भविष्य में सीपीजीआरएएमएस में नागरिक शिकायतों के निवारण की प्रक्रिया को और सरल बनाने के उद्देश्य से सीपीजीआरएएमएस के लिए एक प्रदर्शन योग्य बड़ा भाषा मॉडल देने के लिए भाषिनी द्वारा संचालित भारत के अनुरूप बड़े भाषा मॉडल (एलएलएम) पर काम करने के लिए आईआईटी मुंबई के नेतृत्व में भारत जीपीटी टीम के साथ गैर-प्रकटीकरण समझौते पर हस्ताक्षर किए।

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इसके अतिरिक्त डीएआरपीजी ने 145 सार्वजनिक शिकायतों का समाधान किया है और पहले सप्ताह के दौरान 100 प्रतिशत फाइलों की समीक्षा की गई है। समीक्षा के बाद, छंटनी के लिए 447 भौतिक फाइलों की पहचान की गई है, जिनमें से 140 फाइलें पहले सप्ताह के दौरान ही हटा दी गई हैं। इसके अलावा, 1317 ई-फाइलें बंद करने के लिए पहचानी गईं, जिनमें से सभी को ई-ऑफिस में सफलतापूर्वक बंद कर दिया गया है।

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वरिष्ठ स्तर पर दैनिक प्रगति की निगरानी की जा रही है। विभाग का लक्ष्य पिछले वर्ष के अभियान 2.0 की तुलना में इस अभियान 3.0 में अपना प्रदर्शन बेहतर करना है।

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