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दिल्ली

डब्ल्यूआईपीओ  के महानिदेशक ने सीएसआईआर -पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी (टीकेडीएल) का दौरा किया

रिपोर्ट:-शमीम

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओके महानिदेशक श्री डेरेन टैंग और डब्ल्यूआईपीओ के अन्य प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों ने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) –पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी (टीकेडीएलसुविधा का दौरा किया और सीएसआईआर नवप्रवर्तन प्रणाली  इनोवेशन सिस्टम, टीकेडीएलसीएसआईआर टेक्नोलॉजीज और सीएसआईआर की वर्तमान आईपी क्षमता  और रणनीति पर चर्चा में भाग लिया।

सीएसआईआर टीम का नेतृत्व वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान  विभाग डीएसआईआर )  सचिव महानिदेशकवैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआरडॉ. (श्रीमतीएनकलैसेल्वी ने किया। विशिष्ट अतिथियों में पेटेंटडिज़ाइन और ट्रेड मार्क्सके महानियंत्रक  (सीजीपीडीटीएमप्रोफेसर उन्नत पीपंडित और उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी), सीजीपीडीटीएम  कार्यालय और आयुष मंत्रालय के प्रतिनिधि एवं अधिकारी शामिल थे।

इस अवसर पर बोलते हुएडॉकलैसेल्वी ने  बौद्धिक संपदा अधिकार (इन्टेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्सआईपीआर)  नीति और रणनीति सहित वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर की गौरवशाली बौद्धिक संपदा (आईपी)  विरासत के बारे में विस्तार से बताया। श्री टैंग का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा और चर्चा सीएसआईआर परिवार के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को और गति प्रदान करेगी। उन्होंने सीएसआईआर और डब्ल्यूआईपीओ के बीच नए सहयोगात्मक प्रयासों की संभावना के बारे में बात की। उन्होंने यह भी कहा कि श्री टैंग और डब्ल्यूआईपीओ प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा वैश्विक स्तर पर सीएसआईआर की वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी (एस एंड टी )क्षमता को उजागर करेगी।

श्री डेरेन टैंग ने अधिक समावेशिता लाने और  आईपी प्रणाली को बदलने के लिए एक शक्तिशाली उत्प्रेरक के रूप में स्वयं को स्थापित करने के लिए विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ)  के दृष्टिकोण को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि भारत की की वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी (एस एंड टी क्षमता नई नहीं है और कई 1000 साल पुरानी है। वह एक प्रमुख भारतीय अन्वेषक के रूप में सीएसआईआर द्वारा की जा रही महान प्रगति को देखकर प्रसन्न  थेऔर उन्होंने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी), पेटिनफॉर्मेटिक्स और आईपी  लेखा परीक्षा  (ऑडिटपर लक्षित पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी (टीकेडीएल), आईपी से संबंधित संगठन की गतिविधियों की सराहना की। उन्होंने एक सार्थक और प्रभावशाली यात्रा के लिए सीएसआईआर को डब्ल्यूआईपीओ का समर्थन व्यक्त किया।

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सीएसआईआरटीकेडीएल एकक (यूनिट)  की यात्रा में पारंपरिक चिकित्सा के प्राचीन भारतीय ग्रंथों जैसे कि आयुर्वेदयूनानीसिद्ध और सोवा रिप्गायोग के डिजिटलीकरण से संबंधित विभिन्न गतिविधियों और बौद्धिक संपदा की  गलत स्वीकृति के माध्यम से पारंपरिक ज्ञान के दुरुपयोग को रोकने के लिए तीसरे पक्ष के प्रस्तुतीकरण को प्रदर्शित किया गया।

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डब्ल्यूआईपीओ प्रतिनिधियों ने कार्यों  की अंतःविषय  (इन्टर  डिसीप्लिनरी)  प्रकृति और पारंपरिक ज्ञान के अपनी तरह के एक पूर्व कला डेटाबेस के रूप में इसके प्रभाव को समझने के लिए सीएसआईआरटीकेडीएल  टीम के साथ बातचीत की। श्री डेरेन टैंग और टीम डब्ल्यूआईपीओ   ने टीकेडीएल  पर काम की सराहना की और परामर्श देते हुए कहा  कि यह दक्षिणदक्षिण सहयोग के लिए एक आवश्यक रणनीति है।

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प्रदर्शनी में   वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसन्धान परिषद (सीएसआईआर)  ने प्रतिनिधियों के सामने अपनी विश्व स्तर पर बेंचमार्क प्रौद्योगिकियों और संभावित रूप से आमूलचूल बदलाव करने  (गेम चेंजिंगवाली तकनीकी गतिविधियों का प्रदर्शन किया। डीजीडब्ल्यूआईपीओ  सीजीपीडीटीएम के महानिदेशकों और उनकी टीम ने सीएसआईआर की गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि सभी प्रौद्योगिकियां उद्देश्य उन्मुख थीं और एक अच्छी तरह से सोचीसमझी आईपी रणनीति द्वारा समर्थित थीं। महानिदेशकडब्ल्यूआईपीओ और पेटेंटडिज़ाइन और ट्रेड मार्क्सके महानियंत्रक  (सीजीपीडीटीएमने अनुरोध किया कि प्रदर्शित सीएसआईआर प्रौद्योगिकियों के विवरण को सीजीपीडीटीएम कार्यालय द्वारा एक साथ रखे जा रहे राष्ट्रीय आईपी संग्रह में शामिल किया जाए।

सीएसआईआरटीकेडीएल के बारे मेंपारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी (टीकेडीएलशोषण को रोकने और मुख्य रूप से अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट कार्यालयों में भारतीय पारंपरिक ज्ञान को गलत पेटेंट से बचाने के लिए एक अग्रणी भारतीय पहल है। भारत का समृद्ध और समयपरीक्षणित (टाइम– टेस्टेडपारंपरिक औषधीय ज्ञानजो संस्कृतहिंदीअरबीफ़ारसीउर्दूतमिल आदि भाषाओं में विद्यमान  हैअभी अंतरराष्ट्रीय पेटेंट कार्यालयों में पेटेंट परीक्षकों के लिए न तो सुलभ है और न ही समझने योग्य है। टीकेडीएल में सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध भारतीय पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान शामिल है और यह डिजिटल प्रारूप में आयुर्वेदयूनानीसिद्ध और सोवा रिग्पा से संबंधित शास्त्रीय/पारंपरिक ग्रंथों से संबंधित है और पांच अंतरराष्ट्रीय भाषाओं (अंग्रेजीफ्रेंचजर्मनस्पेनिश और जापानीमें उपलब्ध है।

डब्ल्यूआईपीओ के बारे मेंविश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओबौद्धिक संपदा (आईपीसेवाओंनीतिसूचना और सहयोग के लिए वैश्विक मंच है। यह संयुक्त राष्ट्र (यूएम)  की एक स्ववित्तपोषित एजेंसी है और जिसके 193 सदस्य देश हैं। डब्ल्यूआईपीओ का लक्ष्य (मिशन)  एक ऐसी संतुलित और प्रभावी अंतरराष्ट्रीय आईपी प्रणाली के विकास का नेतृत्व करना है जो सभी के लाभ के लिए नवाचार और रचनात्मकता को सक्षम बनाता है। संगठन के अधिदेश (मैंडेट, शासी निकाय और प्रक्रियाएं डब्ल्यूआईपीओ घोषणा (कन्वेंशन)  में निर्धारित की गई हैंजिसने 1967 में डब्ल्यूआईपीओ की स्थापना की थी। अन्य कार्यों के अलावाविश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओअंतरराष्ट्रीय आईपी नियमों को आकार देने के लिए सभी देशों में सहयोग और क्षमता निर्माण की सुविधा के रूप में एक नीति मंच प्रदान करता है तथा  सीमाओं के पार बौद्धिक संपदा (आईपी)  की रक्षा करने और विवादों को हल करने के लिए वैश्विक सेवाएं भी प्रदान करता है।

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