टीआरसी लाॅ कालेज में महिला अधिकारों के विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन ।

रिपोर्ट:-शिवा वर्मा(संपादक)
आगामी 8 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में टीआरसी लाॅ काॅलेज एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बाराबंकी के संयुक्त तत्वाधान में महिला अधिकारों का संरक्षण एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता विषय पर सतरिख स्थित टीआरसी लाॅ काॅलेज में शनिवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के अधिकारी एवं ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि अपर जिला जज एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती नाजनीन बानो, विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी श्रीमती डा.सत्या सिंह ने संयुक्त रूप से माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया। जिसके पश्चात् मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं रिसोर्स पर्सन के रूप में डीएलएसए की नामित अधिवक्ता श्रीमती दौलता कुमारी व कुरैशा खातून आदि को पुष्प गुच्छ एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के आरम्भ में विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डा. अश्वनी कुमार गुप्ता ने उपस्थित मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, रिसोर्स पर्सन एवं विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं का परिचयात्मक सम्बोधन दिया। उन्होंने उपस्थित ग्रामीण महिलाओं एवं छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब हम वैदिक काल, रामायण, महाभारत की बात करते हैं तो पाते हैं कि महिलाओं को उस समय कितना सम्मान दिया जाता था किन्तु आज के समय के लिए संविधान निर्माताओं को महिलाओं के अधिकारों की चिन्ता क्यों करनी पड़ी। यह चिन्ता का विषय है। उन्होंने आया समय उठो तुम नारी, खुद निर्माण तुम्हे करना है कविता पढ़कर महिलाओं को जागरूक एवं सशक्त होने के लिए प्रेरित किया।
विशिष्ट अतिथि श्रीमती डा. सत्या सिंह अपने अनुभवों एवं घटनाओं के बारे में बताते हुए महिलाओं को अधिकारों एवं उनके शिक्षित होने पर विचार विमर्श किया। उन्होंने विधि महाविद्यालय के छात्र छात्राओं से अपील की कि भविष्य में वह स्त्रियों के स्वाभिमान व उन्हें न्याय दिलाये जाने के लिए कभी पैसोें के लालच एवं स्वाभिमान से समझौता न करें और हमेशा अपने गुरूजनों, अभिभावकों का सम्मान करना चाहिए।
मुख्य अतिथि श्रीमती नाजनीन बानोे ने महिलाओं को जागरूक करते हुए कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों की जानकारी होने के साथ साथ शिक्षित होने के लिए प्रेरित किया जिससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिले। उन्होंने विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं उपस्थित अतिथियों से आग्रह किया कि वे ग्रामीण परिवेश एवं महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण दिलाने की बात कही।
कार्यक्रम में सचिव श्रीमती नाजनीन बानों एवं डीएलएसए की नामित अधिवक्ताओं ने ग्रामीण परिवेश से आईं महिलाओं एवं छात्राओं की समस्याओं के उपाय बताए एवं उनसे सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा भी की। जिसके श्रीमती बानो ने पश्चात् आयोजित पोस्टर एवं रंगोली प्रतियोगिता में बनाई गई रचनाओं का अवलोकन भी किया।
प्रवक्ता वीर विक्रम ने मंच का संचालन किया। कार्यक्रम को सामाजिक कार्यकत्री श्रीमती श्वेता चतुर्वेदी, विधि महाविद्यालय की प्रवक्ता श्रीमती दीपमाला श्रीवास्तव, स्वयंसेवी संस्था जागो री जागों के अध्यक्ष श्री प्रकाश, रिसोर्स पर्सन अधिवक्ता श्रीमती दौलता कुमारी, कुरैशा खातून आदि ने सम्बोधित किया।
अन्त में प्रबन्धक डा. सुजीत चतुर्वेदी ने अपर जिला जज श्रीमती बानो एवं श्रीमती सिंह को स्मृति चिन्ह भेंट एवं कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सम्मानित तथा धन्यवाद् ज्ञापित किया। उन्होंने जानकारी दी कि विधि महाविद्यालय ने विधिक रूप से साक्षर बनाने हेतु (विशेषकर महिलाओं को) गाल्हामऊ ग्राम सभा को पहले से ही गोद ले रखा है। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए शनिवार को नानमऊ ग्राम सभा को गोद लेने की घोषणा की।
इस अवसर पर प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्री राजकुमार तिवारी, साहित्यकार डा. विनय दास, सामाजिक धर्मेन्द्र शुक्ला, सुमन श्रीवास्तव, जिला दिव्यांग आइकान नागेश पटेल, गुलजार बानो सहित विद्यालय के सभी प्रवक्ताण एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।