जिससे सीख मिली है वही है गुरू – आईपीएस अजय कुमार पांडेय

रिपोर्ट हिमांशु यादव मैनपुरी
जनपद मैनपुरी गुरु के बिना इंसानियत की संकल्पना बेमानी है गुरु सिखाते हैं, परिपक्व बनाते हैं, जीवन जीने की कला सिखाते हैं! इसलिए गुरु केवल एक व्यक्ति ही होगा, यह सोचना भी अधूरी सोच है!
वस्तुत :जहां से भी सीख मिल जाए,वही गुरु है! कोयल अगर मीठा बोल कर सबको मुग्द कर लेती है तो कोयल भी मृदुभाषण के लिए गुरु है! शेर अगर शक्ति,फुर्ती और अदम्य साहस की प्रेरणा देता है तो शेर भी गुरु है! एक छोटा बच्चा जो हमेशा खुश रहना हंसना, चहकना सिखाता है तो वह भी गुरु है! इसी लिए ईश्वर की तरह ही गुरु भी प्राकृतिक के हर कण में व्याप्त है! एक बकाया बताता हूं, आईएएस के इंटरव्यू में पैनल के चेयरमैन ने मुझसे यह सवाल पूछा कि आप किसे अपना गुरु मानते हैं तो मैंने कहा था कि मैं किसी व्यक्ति विशेष को अपना गुरु नहीं मानता, क्योंकि ऐसा कोई भी नहीं है जिस में कमियां न हो? इसलिए हर वह व्यक्ति वस्तु अनुभव जहां से भी सीखता है मैं उन सभी को अपना गुरु मानता हूं!समूची प्राकृतिक मेरी गुरु है! चेयरमैन बहुत खुश हुए थे और मुझे शाबाशी दी थी ! सभी गुरुओं को शत शत नमन !
आईपीएस अजय कुमार पांडे मैनपुरी