जिला कारागार, बाराबंकी में बन्दियों के अधिकार एवं प्ली बार्गेनिंग विषय पर शिविर का आयोजन किया गया।

रिपोर्ट :- शिवा वर्मा (संपादक)
उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ,लखनऊ की मंशानुरूप एवं श्री रवीन्द्र नाथ दूबे जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा निर्देशन में दिनांक-23.02.2023 को जिला कारागार, बाराबंकी में
बन्दियों के अधिकार एवं प्ली बार्गेनिंग विषय पर शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में कारागार में निरूद्ध बन्दियों एवं जिला कारागार के अधिकारियों के द्वारा प्रतिभाग किया गया।
इस शिविर में श्रीमती नाजनीन बानो अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा बन्दियों को उनके अधिकारों के बारे में जागरू करते हुये बताया गया कि प्रत्येक बन्दी को कानून में विभिन्न प्रकार के विधिक अधिकार प्राप्त है जैसे किसी बन्दी के पास अधिवक्ता नही
होता है तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निःशुल्क अधिवक्ता प्राप्त करने का प्रार्थना पत्र दे सकता है, प्रत्येक बन्दी को अपने घर वालो से मुलाकात करने का, पढ़ने का अधिकार, वोट देने का अधिकार, परिजनों से मिलने
का अधिकार, फोन पर परिजनों से बात करने का अधिकार, इलाज का अधिकार,न्यूनतम मजदूरी का अधिकार, कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार आदि प्राप्त है। प्ली बार्गेनिंग के बारे में सचिव महोदया द्वारा बताया गया कि प्ली बार्गेनिंग समझौते का एक तरीका है जिसके अन्तर्गत अभियुक्त कम
सजा के बदले में अपने द्वारा किये गये अपराध को स्वीकार करके और पीड़ित व्यक्ति को हुये नुकसान और मुकदमें के दौरान हुये खर्चे की क्षतिपूर्ति करके कठोर सजा से बच सकता है। प्ली बार्गेनिंग किस तरह अपराधों पर लागू होता है उसके बारे में बताया गया। अभियुक्त को प्ली बार्गेनिंग के लिये आवेदन उसी न्यायालय में दाखिल करना होता है जिसमें उसके द्वारा किये गये
अपराध से सम्बन्धित मुकदमा विचाराधीन है। प्ली बार्गेनिंग के लाभ के बारे में बताते हुये सचिव महोदया ने कहा कि यह प्रक्रिया जेलो में बन्द विचाराधीन कैदियों की सहायता करती है जो लम्बे समय से जेलों मे बन्द है।
यह प्रक्रिया अभियुक्त को सजा के कठोर दण्ड से बचने का अवसर प्रदान करती है व जेलों में बंद विचाराधीन बन्दियों को अपनी स्वतंत्रता प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है और जेलों में भीड़-भाड़ को कम करती है। यह
प्रक्रिया अभियुक्त और पीड़ित को लंबे महंगे एवं तकनीकी अदालती प्रक्रिया को सही बिना जल्दी न्याय दिलवाती है एवं न्यायालयों एवं अभियोजकों को मुकदमें के भार के प्रबंधन में और न्यायालयों के भार को कम करने में सहायता करती है। अन्त में सचिव महोदया ने बताया कि अभियुक्त की ओर से निःशुल्क पैरवी करने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल सिस्टम का गठन किया गया है।
उक्त शिविर का संचालन वरिष्ठ जेल अधीक्षक श्री पवन प्रताप सिंह के द्वारा किया गया।
इस अवसर पर जिला कारागार से वरिष्ठ जेल अधीक्षक श्री पवन प्रताप सिंह,जेलर श्री आलोक शुक्ला, डिप्टी जेलर मनीष सिंह व रंजू शुक्ला, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से कनिष्ठ लिपिक मो0 उपस्थित रहे।