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फिरोजाबाद

गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने किया एक प्रेस वक्तव्य

स्टेट हेड शमीम की रिपोर्ट

बाराबंकी। गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने एक प्रेस वक्तव्य में कहा कि चीन अपने सैनिक और परमाणु शक्ति के बल पर पडोसी
देशों की सीमाओं पर अपनी सेनाओं के द्वारा उनकी सीमा में प्रवेश करता है और लोगों में भय का वातावरण पैदा करता है। आजादी के समय भारतीय नीतिकारो
ने ब्रिटिश नीतिकारों को प्रसन्न के लिए जो भयानक राजनैतिक भूल की उसमें जापान से द्वितीय महायुद्घ की क्षतिपूर्ति लेने का फैसला था। तथा तिब्बत
को स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता ना देना। भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में स्वतंत्रता प्राप्त कराने में ताइवान के राष्ट्रपति च्यांग काई शेक की पत्नी के उस सहयोग को भूल जाना जो उन्होने द्वितीय महायुद्ध के तुरंत बाद
भारत की स्वतंत्रता के लिये उन्होनें अपने सभी रिश्तों एवं सभी कूटनीतिक रिश्तों का प्रयोग कर अमेरिका और ब्रिटिश सरकार को दुनिया में बढ़ रहे साम्यवादी खतरे की चेतावनी से आगाह करते हुए भारत को स्वतंत्रता दिलाने
में महत्वपूर्ण योगदान किया, लेकिन तत्कालीन भारतीय नीतिकारों ने चीन को खुश करने के लिये ताइवान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता नही
दी क्योंकि उस समय चीनी-हिन्दी भाई-भाई और पंचशील का नारा लग रहा था। हिमालय की रक्षा की आज तक कोई नीति नहीं बनी। भारत के चारों ओर चीनी सेनाए आतंक और भय पैदा कर रही है। आज उन्होनें ताइवान की प्रभु सत्ता पर हस्तक्षेप के लिये अपना सैनिक बेडा भेजा है। शर्मा ने भारत के प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री से मांग की है कि हिमालय एवं भारतीय सीमा की रक्षा के साथ साथ चीन की क्रूरतापूर्ण नीतियो को सफ़ल ना होने के लिये ताइवान का सहयोग करने की दिशा में भी आवश्यक नीति बनने पर विचार करें। जिससे ताइवान के राष्ट्रपति च्यांग काई शेक एवं मिसेज
च्यांग काई शेक द्वारा भारत को स्वतंत्र कराने में दिए गए सहयोग को वर्तमान सरकार को चाहिये कि ताइवान की जनता एवं संप्रभुता की रक्षा के लिये सरकार को सहयोग कर उनका मनोबल बढ़ाए

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