गांधीजी के नेतृत्व में हमें को आजादी तो मिल गई।

रिपोर्ट :-शिवा वर्मा (सम्पादक)
बाराबंकी। गांधीजी के नेतृत्व में हमें को आजादी तो मिल गई, लेकिन स्वच्छ भारत का उनका सपना आज भी अधूरा है। महात्मा गांधी ने कहा था ‘स्वच्छता स्वतंत्रता से अधिक महत्वपूर्ण है’। उन्होंने साफ-सफाई और स्वच्छता को गांधीवादी जीवन शैली का अभिन्न अंग बनाया। उनका सपना सभी के लिए संपूर्ण स्वच्छता का था। महात्मा गांधी के विचारों को आत्मसात करते हुए प्रत्येक व्यक्ति को अपना सफाईकर्मी स्वयं होना चाहिए। यह बात गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट द्वारा आयोजित अमृत महात्मा गांधी सप्ताह के तीसरे दिन सद्भावना मैराथन दौड़ के समापन पर गांधी भवन में आयोजित स्वच्छता संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे सेवा सोसाइटी के संयोजक मो उमैर किदवई ने कही। इससे पहले श्री किदवई ने धनोखर चौराहा स्थित स्व रामसेवक यादव की प्रतिमा से गांधी भवन तक आने वाली सद्भावना मैराथन दौड़ का शुभारंभ किया। इस मैराथन दौड़ में महात्मा गांधी स्पोर्ट्स क्लब के बच्चों ने प्रतिभाग किया। मैराथन के समापन पर प्रतियोगिता के (सीनियर) धावक में दीपक ने प्रथम, एहतिशाम ने द्वितीय और जीशान ने तृतीय स्थान हासिल किया। वहीं मैराथन (जूनियर) प्रतियोगिता में मो समद ने प्रथम, प्रीतम ने द्वितीय और अनुज ने तृतीय हासिल किया। कार्यक्रम के संयोजक राजनाथ शर्मा ने बच्चों से ‘ना मैं गंदगी करूंगा, ना मैं गंदगी करने दूंगा’ का संकल्प लेने को कहा। शर्मा ने कहा कि स्वच्छता के बारे में महात्मा गांधी के विचार जानना जरूरी है। महात्मा गांधी स्पोर्ट्स क्लब के अध्यक्ष सलाउद्दीन किदवई ने बताया कि कम उम्र में सीखी गई आदतें व्यक्ति के व्यक्तित्व में समाहित हो जाती हैं। इस मौके पर विनय कुमार सिंह, मुजीब अहमद, मृत्युंजय शर्मा, विजय अवस्थी,ए अयाज अंसारी, अखलद अंसारी, महफूज अंसारी, दीपक कुमार आदि कई लोग मौजूद रहे।