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कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई को पटरी पर लाने में जुटी एक्शन एंड बच्चों की सुरक्षा के साथ अभिभावकों को अब बच्चों की पढ़ाई की भी चिंता हो रही है।
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बाराबंकी, 10 अगस्त। कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई को पटरी पर लाने में जुटी एक्शन एंड बच्चों की सुरक्षा के साथ अभिभावकों को अब बच्चों की पढ़ाई की भी चिंता हो रही है।
कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई पटरी पर कैसे लाई जाए, यह एक बड़ा सवाल है। बच्चों की शिक्षा व स्वास्थ्य पर प्रदेश के 20 जनपदों में काम कर रही संस्था एक्शन एडं ने जनपद के 25 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों का बेसलाइन सर्वे कराया गया। इन विद्यालयों को मॉडल स्कूल के रूप में स्थापित करने और प्रवासी मजदूरों के बच्चों का अधिक से अधिक पंजीकरण कराकर स्कूलों से जोड़ने की योजना पर काम चल रहा है। पासिनपुरवा गांव में नई पहल परियोजना एक्शन एड, यूनिसेफ व एबीसीएल के सहायक जिला समन्वयक सतीश चंद्र वर्मा ने विद्यालय प्रबंध समिति (एसएमसी) सदस्य व ग्रामीणों के साथ बैठक की। सहायक जिला समन्वयक ने कहा कि शिक्षा से बच्चे अपने अधिकार व कर्तव्यों को अच्छे से समझ सकेंगे। अपने स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक होंगे। शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों पर पूरी तन्मयता के साथ कार्य कर रही है। ग्रामीण को कोविड-19 के बारे में बताते हुए कहा कि इस महामारी से अपने व अपने परिवार को बचाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने गाइडलाइन जारी की है। सामाजिक दूरी बनाकर, मास्क से नाक व मुंह अच्छी तरह ढककर और साबुन से बार-बार हाथों को अच्छी तरह धुल कर इस वायरस से बचा जा सकता है। उन्होंने प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। एसएमसी सदस्यों से स्कूलों के प्रबंधन में सहयोग, अधिक से अधिक प्रवेश और स्कूल खुलने के बाद बच्चों को नियमित भेजने का अनुरोध किया। और वर्तमान समय में अभिभावकों और बच्चों से घर पर रहकर पढ़ाई करने के लिए जागरूक किया।