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महाराष्ट्र सरकार द्वारा पत्रकार अर्नब गोस्वामी पर की गई दमनात्मक कार्यवाही के विरोध में उ.प्र.श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की जिला इकाई द्वारा प्रधानमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को सौपा

स्टेट हेड शमीम की रिपोर्ट

बाराबंकी।महाराष्ट्र सरकार द्वारा पत्रकार अर्नब गोस्वामी पर की गई दमनात्मक कार्यवाही के विरोध में उ.प्र.श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की जिला इकाई द्वारा देश के प्रधानमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन अतिरिक्त मजिस्ट्रेट एस पी सिंह को सौंपा गया।जिलाध्यक्ष चमन सिंह की अगुवाई में जिले के पत्रकारों ने इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने के साथ दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की बात कही है।जिलाध्यक्ष ने कहा कि संगठन पत्रकारों का उत्पीड़न कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।महाराष्ट्र पुलिस द्वारा की गई दमनात्मक कार्यवाही प्रेस की स्वतंत्रता पर कुठाराघात है। संगठन मंत्री दिनेश चन्द्र ने कहा देश में सच्ची पत्रकारिता करने वालों को प्रताड़ित किये जाने के मामले दिन प्रतिदिन तेज़ी से बढ़ रहे है। आमजन की आवाज़ उठाते हुऐ पत्रकारिता करते हुऐ खबरों को पाठकों और दर्शकों तक न्यायोचित ढंग से परोसना कठिन होता जा रहा है। ऐसे पत्रकार काफी कम संख्या में है जो सच के साथ खड़े होकर भ्रष्टाचार और अत्याचार की खबरों का प्राथमिकता से कवरेज करते हैं।
टी.वी.संवाददाता अर्नब गोस्वामी को 2018 में महाराष्ट्र पुलिस द्वारा बंद केस के मामले में घर से उठा कर की गई गिरफ़्तारी अभिव्यक्ति की आजादी पर सीधा हमला है। पूरा देश जानता है कि पत्रकार अर्नब को महाराष्ट्र के बॉलीवुड में ड्रग माफियाओ , कलाकार सुशांत राजपूत की मौत और महाराष्ट्र के पुलिस कमिश्नर परमवीर के ख़िलाफ़ ही नहीं लव जेहाद जैसे मुद्दों पर की गई निष्पक्ष पत्रकारिता का खामियाज़ा चुकाना पड़ रहा है। संगठन प्रधानमंत्री से तत्काल ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने और पत्रकारों पर दर्ज़ फ़र्ज़ी मुक़दमे वापसी के लिए कड़े कदम उठाने की मांग करता है। इस दौरान पतिराम, गोविन्द वर्मा,दिनेश चंद्र श्रीवास्तव, लवकुश वर्मा,अर्जुन सिंह, परवेज रजा व अरशद सहित अन्य पत्रकार मौजूद रहे।

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