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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में आयोजित देश के पर्यटन और संस्कृति मंत्रियों के सम्मेलन, “अमृत समागम”, का शुभारंभ किया

शिवा वर्मा के साथ समित अवस्थी की रिपोर्ट
आज़ादी के अमृत महोत्सव में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के सामने आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाने की कल्पना रखी थी और ये एक बहुद्देश्यीय अमृत महोत्सव होना चाहिए
आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष से लेकर आज़ादी के शताब्दी वर्ष तक के 25 वर्षों के कालखंड को प्रधानमंत्री जी ने आज़ादी के अमृत काल के रूप में मनाने का फ़ैसला लिया है
ये 25 साल भारत को सर्वोच्च स्थान पर बिठाने के लिए 130 करोड़ जनता का सामूहिक प्रयास कैसा हो और इसका परिणाम कैसे आए, इसके लिए प्रधानमंत्री जी ने इस 25 साल के कालखंड को अमृत काल कहा है
ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक और सरकार का हर विभाग एक लक्ष्य तय करे और संकल्प ले जो देश को आगे बढ़ाए, ये संकल्प लेने का वर्ष है और ये 25 साल का अमृत काल इन संकल्पों को सिद्ध करने का काल है
12 मार्च, 2021 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव की शुरूआत भारत की आज़ादी की काशी गांधी आश्रम से की थी, उसके बाद देश के हर कोने में 25000 से ज़्यादा कार्यक्रम हुए हैं
आज़ादी के 75 साल कई सारी उपलब्धियों के साल हैं और आज़ादी से लेकर अब तक भारत को वैश्विक मंच पर प्रथम पंक्ति में बिठाने में हम सफल हुए हैं
सभी क्षेत्रों में कई कीर्तिमान हमने संयुक्त पुरूषार्थ से रचे हैं, हमारे इतिहास और संस्कृति को भी संरक्षित रखने और संवर्धित करने में हम सफल हुए हैं
आज़ादी के अमृत महोत्सव को पांच वर्गों में मनाने की कल्पना रखी गई है – फ़्रीडम स्ट्रगल, आइडिया @75, अचीवमेंट्स @75, एक्शन @75 और रिज़ॉल्व @75
हर गांव और राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाना हम सुनिश्चित करें, इसमें जितने लोग, विशेषकर युवा, सम्मिलित होंगे तो शताब्दी के वर्ष में देश को विश्व में शीर्ष स्थान पर बिठाने में उनकी ऊर्जा ही काम आएगी
25 साल बाद कोई हो ना हो, देश तो होगा ही और देश को आगे बढ़ना चाहिए और इस बड़ी कल्पना के साथ देश के प्रधानमंत्री जी ने इस संकल्प यात्रा का विचार किया है और हम सबको, पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठकर, इस संकल्प यात्रा को सफल बनाना चाहिए
एक बच्चा अगर आज अपने आप को आज़ादी के संघर्ष के साथ जोड़ लेता है तो पूरे जीवन वो भारत के विकास के प्रति समर्पित रहेगा, भारत की नई पीढ़ी को आज़ादी और देश के साथ जोड़ने का ये स्वर्णिम अवसर है
मेरा गांव, मेरी धरोहर एक ऐसा कार्यक्रम है कि देश में 6.5 लाख वर्चुअल संग्रहालय बनाने का जो हमारा कार्यक्रम है, इसके साथ देश के ज़िलों को जोड़ना होगा
आज से लेकर कार्यक्रम की समाप्ति तक, हमें जनजागृति और जनता की भागीदारी, दोनों बढ़ाने के लिए आगे काम करना होगा
आने वाले दिनों में हर घर झंडा, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, डिजिटल जिला रिपॉजिटरी, स्वतंत्र स्वर और मेरा गांव, मेरी धरोहर- ये सारे कार्यक्रम जनभागीदारी को सुनिश्चित करने वाले हैं
मैं आप सबसे अनुरोध करता हूं कि हर घर झंडा, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, डिजिटल जिला रिपॉज़िटरी, स्वतंत्र स्वर और मेरा गांव, मेरी धरोहर- इन सभी कार्यक्रमों की जानकारी लेकर अपने-अपने राज्यों में वो सफल हो इसके लिए हम आगे बढ़ें अगर 130 करोड़ नागरिक एक-एक व्यक्तिगत संकल्प ले जो अपने लिए ना भी हो, किसी दूसरे के लिए, गांव के दलित, ग़रीब, अनपढ़ व्यक्ति के लिए हो, तो 130 करोड़ संकल्पों का यह संपुट देश को महान बनाने के लिए बहुत बड़ा काम कर सकता है केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में आयोजित देश के पर्यटन और संस्कृति मंत्रियों के सम्मेलन, “अमृत समागम”, का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केन्द्रीय संस्कृति, पर्यटन एवं उत्तरपूर्व मामलों के मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी, संसदीय कार्य और संस्कृति राज्यमंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, विदेश और संस्कृति राज्यमंत्री सुश्री मीनाक्षी लेखी और रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री श्री अजय भट्ट सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि शायद एक पीढ़ी के बाद किसी के भाग्य में ऐसा समय आता है कि हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना सकें। हम सब भाग्यशाली हैं कि आज़ादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में हम पर ऐसा कोई ना कोई दायित्व है कि इससे जुड़ने का सौभाग्य हम सबको मिला है। आज़ादी के 75 साल कई सारी उपलब्धियों के साल हैं और आज़ादी से लेकर अब तक भारत को वैश्विक मंच पर प्रथम पंक्ति में बिठाने में हम सफल हुए हैं। विकास के सभी क्षेत्रों में कई कीर्तिमान हमने संयुक्त पुरूषार्थ से रचे हैं, हमारे इतिहास और संस्कृति को भी संरक्षित रखने और संवर्धित करने में हम सफल हुए हैं। आज़ादी के अमृत महोत्सव में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के सामने आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाने की कल्पना रखी थी और ये एक बहुद्देश्यीय अमृत महोत्सव होना चाहिए।
श्री अमित शाह ने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव के माध्यम से हमारी नई पीढ़ी को 1857 से 1947 तक 90 साल तक आज़ादी की जंग लड़ने वाले लोगों के त्याग, बलिदान और तपस्या की जानकारी मिलनी चाहिए, उऩका महिमामंडन होना चाहिए। इसके साथ ही आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष से लेकर आज़ादी के शताब्दी वर्ष तक के 25 वर्षों के कालखंड को प्रधानमंत्री जी ने आज़ादी के अमृत काल के रूप में मनाने का फ़ैसला लिया है। ये 25 साल भारत को सर्वोच्च स्थान पर बिठाने के लिए 130 करोड़ जनता का सामूहिक प्रयास कैसा हो और इसका परिणाम कैसे आए, इसके लिए प्रधानमंत्री जी ने इस 25 साल के कालखंड को अमृत काल कहा है। इसके साथ ही आज़ादी के अमृत वर्ष को उन्होंने संकल्प वर्ष के रूप में मनाने का भी निर्णय लिया है और देश की जनता का आह्वान किया है कि आज़ादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में हम व्यक्तिगत रूप से भी कोई ना कोई संकल्प लें, जो भारत को आगे बढ़ाए। ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक और सरकार का हर विभाग एक लक्ष्य तय करे और संकल्प ले जो देश को आगे बढ़ाए। ये संकल्प लेने का वर्ष है और ये 25 साल का अमृत काल इन संकल्पों को सिद्ध करने का काल है। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 12 मार्च, 2021 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव की शुरूआत भारत की आज़ादी की काशी गांधी आश्रम से की थी। उसके बाद देश के हर कोने में 25000 से ज़्यादा कार्यक्रम हुए हैं। इसी कालखंड में कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर के कारण कठिन समय आया और कई कार्यक्रमों को हाईब्रिड मोड में करना पड़ा और इसी कारण जनता की भागीदारी जितनी होनी चाहिए थी उतनी नहीं हो सकी। लेकिन अब जब देश कोरोना की गिरफ़्त से बाहर निकल रहा है, तब बाकी का बचे समय में आज़ादी का अमृत महोत्सव हम जनभागीदारी के साथ मनाएं, इसके लिए आज इस सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इस दो दिन के सम्मेलन के दौरान हमें ये तय करना है कि कैसे हर गांव, तहसील, ज़िला और प्रदेश की हिस्सेदारी कैसे आज़ादी के अमृत महोत्सव में हो और इसके लिए कार्यक्रमों की रचना करना और उन्हें सफल बनाना है।
श्री अमित शाह ने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्स को पांच वर्गों में मनाने की कल्पना रखी गई है – फ़्रीडम स्ट्रगल, आइडिया @75, अचीवमेंट्स @75, एक्शन @75 और रिज़ॉल्व @75। इन पांच वर्गों में हमें आने वाले समय की प्लानिंग करनी चाहिए। मैं सभी राज्यों के मंत्रियों और अधिकारियों से आग्रह करना चाहता हूं कि हर गांव और राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाना हम सुनिश्चित करें। इसमें जितने लोग, विशेषकर युवा, सम्मिलित होंगे तो शताब्दी के वर्ष में देश को विश्व में शीर्ष स्थान पर बिठाने में उनकी ऊर्जा ही काम आएगी। जितने लोग सम्मिलित होंगे वो अपने आप संकल्पों की सिद्धि के 25 साल की यात्रा के सहयात्री बन जाएंगे और देश को उपलब्धियों की ओर ले जाएंगे। 25 साल बाद कोई हो ना हो, लेकिन देश तो होगा ही और देश को आगे बढ़ना चाहिए। इस बड़ी कल्पना के साथ देश के प्रधानमंत्री जी ने इस संकल्प यात्रा का विचार किया है और हम सबको, पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठकर, इस संकल्प यात्रा को सफल बनाना चाहिए।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अनेक प्रकार से अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ आज़ादी की लड़ाई लड़ी गई और 1857 से 1947 का संघर्ष आने वाली पीढ़ी के मन में फिर से एक बार जागृत करना है। सिर्फ़ इतिहास इसकी जानकारी युवा पीढ़ी को नहीं दे सकता। अनेक घटनाएं और वीर नायकों के चरित्र को उनके मानस पटल पर जीवित करना पड़ेगा, तब वो अपने आप को आज़ादी के संघर्ष के साथ जोड़ेगा। एक बच्चा अगर आज अपने आप को आज़ादी के संघर्ष के साथ जोड़ लेता है तो पूरे जीवन वो भारत के विकास के प्रति समर्पित रहेगा। भारत की नई पीढ़ी को आज़ादी और देश के साथ जोड़ने का ये स्वर्णिम अवसर है। इसीलिए इस नई पीढ़ी के मन में देशभक्ति का जज़्बा जगाना और उसके आधार पर वो पूरे जीवन देश के लिए काम करता रहे, ऐसी नई पीढ़ी का सृजन करने का ये एक बहुत बड़ा मौक़ा है। इसके लिए देश के प्रधानमंत्री जी ने हम सबके सामने आग्रह रखा है कि व्यापक जनभागीदारी के साथ आज़ादी का अमृत महोस्सव मनाया जाए। राष्ट्रगान का कार्यक्रम हो, रंगोली बनाने का कार्यक्रम हो, स्वतंत्रता संग्राम के अनजाने वीरों पर शोध और संकल के कार्यक्रम हों, मेरा गांव, मेरी धरोहर कार्यक्रम हो। मेरा गांव, मेरी धरोहर एक ऐसा कार्यक्रम है कि देश में 6.5 लाख वर्चुअल संग्रहालय बनाने का जो हमारा कार्यक्रम है, इसके साथ देश के ज़िलों को जोड़ना होगा। श्री अमित शाह ने कहा कि कई सारे कार्यक्रम ऐसे हुए हैं। प्रधानमंत्री जी को पोस्टकार्ड लिखे गए, स्वतंत्रता स्वर जिसमें ब्रिटिश द्वारा प्रतिबंधित कविताओं का संकलन हुआ। वंदे भारत नृत्य उत्सव हुआ, 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के स्मरण का कार्यक्रम हुआ, इन सारे कार्यक्रमों ने चेतना तो जागृत की ही है। लेकिन आज से लेकर कार्यक्रम की समाप्ति तक, हमें जनजागृति और जनता की भागीदारी, दोनों बढ़ाने के लिए आगे काम करना होगा। एक वर्ष में कुल मिलाकर 25000 कार्यक्रम किए गए लेकिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 7200 कार्यक्रम हुए। यह संख्या बढ़ानी पड़ेगी और संपूर्ण सरकार के दृष्टिकोण से आजादी के अमृत महोत्सव को हमें सफल बनाना होगा।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में हर घर झंडा, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, डिजिटल जिला रिपॉजिटरी, स्वतंत्र स्वर और मेरा गांव, मेरी धरोहर- ये सारे कार्यक्रम जनभागीदारी को सुनिश्चित करने वाले हैं। हर घर झंडा कार्यक्रम राज्य सरकारों और पंचायत, नगर निगम, जिला पंचायत, तहसील पंचायत की सहभागिता के बिना सफल नहीं हो सकता। हर स्कूल की हिस्सेदारी के बिना यह सफल नहीं हो सकता और हमें इसे आगे बढ़ाना होगा। मैं आप सबसे अनुरोध करता हूं कि हर घर झंडा, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, डिजिटल जिला रिपॉज़िटरी, स्वतंत्र स्वर और मेरा गांव, मेरी धरोहर- इन सभी कार्यक्रमों की जानकारी लेकर अपने-अपने राज्यों में वो सफल हो इसके लिए हम आगे बढ़ें। स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े स्थलों की पहचान नए सिरे से उपलब्ध करानी चाहिए, एक भी गाँव ऐसा नहीं है जिसने स्वतंत्रता आंदोलन के लिए कुछ नहीं किया, एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां कोई बड़ी घटना नहीं हुई। क्या हम उन घटनाओं को, उनकी स्मृति को पुनर्जीवित कर सकते हैं, स्कूली बच्चों को क्या हम स्वतंत्रता सेनानियों के घर, उनके गांव में ले जाने का कार्यक्रम कर सकते हैं। मैं मानता हूं कि ऐसा करने से एक अद्भुत राष्ट्रभक्ति की चेतना जागृत होगी और बच्चे, हमारी नई पीढ़ी इसके साथ जुड़ेगी। कॉलेजों को भी इसके साथ जुड़ना चाहिए और 75 कॉलेजों का एक संपुट बनाकर देशभर में जितने भी स्वतंत्रता की लड़ाई के साथ जुड़े स्मृति स्थल हैं, उनका महिमामंडन करना, उन्हें फिर से लोगों के स्मृतिपटल पर पुनर्जीवित करना। इस प्रकार के कार्यक्रम करने से हमें बहुत फायदा होगा।
श्री अमित शाह ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में पत्रकारिता के माध्यम से भी बहुत सारे लोगों ने देश की सेवा की है। पत्रकारिता के विद्यार्थियों को आजादी में पत्रकारिता की भूमिका, इस विषय पर अगर हम जोड़ते हैं तो बहुत काम हो सकता है। नाट्य और संगीत में रुचि रखने वाले लोगों को, उस वक्त कला का उपयोग कर भी कई सारे लोगों को आजादी के आंदोलन के साथ जोड़ने का प्रयास हुआ था, जोड़कर उसे हमें आगे बढ़ाना चाहिए। फाइन आर्ट्स के विद्यार्थियों को भी जोड़कर एक नई चेतना की जागृति करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने आजादी के आंदोलन के सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने और उनकी स्मृति को पुनर्जीवित करने पर ज्यादा बल दिया है। यहां आज मौजूद राज्यों के संस्कृति मंत्री और पर्यटन मंत्री, अपने-अपने राज्य में जाकर इस विषय को नीचे तक पहुंचाने का प्रयास करें, यह सभी से अपेक्षा है। संकल्प आजादी के अमृत महोत्सव की आत्मा है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 130 करोड़ नागरिक अगर एक-एक छोटा व्यक्तिगत संकल्प भी ले, तो बहुत बड़ी ऊर्जा का निर्माण हो सकता है। अगर 130 करोड़ नागरिक एक-एक व्यक्तिगत संकल्प ले जो अपने लिए ना भी हो, किसी दूसरे के लिए, गांव के दलित, ग़रीब, अनपढ़ व्यक्ति के लिए हो, तो 130 करोड़ संकल्पों का यह संपुट देश को महान बनाने के लिए बहुत बड़ा काम कर सकता है। देखने में यह चीज बहुत छोटी है मगर 130 करोड़ लोग अगर करते हैं तो इसकी ताकत भी बहुत बड़ी है और मैं मानता हूं कि आजादी का अमृत महोत्सव, अमृत काल और शताब्दी तक का समय, भारत को महान बनाने का समय है, भारत को दुनिया में सर्वोच्च स्थान पर बिठाने का समय है और विश्व गुरु बनाने का समय है। मोदी जी ने हम सब से यही अपेक्षा रखी है।
श्री अमित शाह ने कहा कि इस दो दिन की संगोष्ठी के दौरान हम राज्यों में कुछ स्थान आजादी के अमृत महोत्सव के निमित्त स्थानीय ऐसे बनाएं, जो चेतना के केंद्र बनें। कुछ ऐसे संकल्प प्रसारित करें जो अनेक लोगों को प्रेरणा दें कि मैं पढ़ लिख गया हूं और मैं एक प्रौढ़ अशिक्षित को पढ़ाऊंगा। इस प्रकार के संकल्प जो चेतना, देशभक्ति, विकास को फैलाने का काम करें, इस प्रकार की कार्ययोजना आप यहां से बनाकर जाएंगे, इसका मुझे विश्वास है। मैं फिर से एक बार आप सभी से करबद्ध निवेदन करना चाहूंगा कि श्री नरेंद्र मोदी जी ने आजादी के अमृत महोत्सव से लेकर आजादी की शताब्दी तक का यह अमृत काल, जो संकल्प सिद्धि का काल है, हम सबका दायित्व है कि भारत को महान बनाने की यात्रा में हम सब जुड़ जाएं। कोरोना का समय आ गया था, ईश्वर की कृपा से और भारत सरकार और राज्य सरकारों के प्रयास से कोरोना से हम बाहर निकले हैं, तब फिर से एक नई ऊर्जा के साथ इस यात्रा को हम आगे बढ़ाएं।

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