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दिल्लीभारत

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री, डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने उद्योग जगत को उनके सामने खड़ी चुनौतियों का समाधान निकालने और 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की आकांक्षा को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया,

बीएचईएल ने आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देने की दिशा में मजबूत स्थानीय आपूर्ति पारिस्थितिकी तंत्र (इकोसिस्टम) के निर्माण के लिए परिचर्चा का आयोजन किया ।

रिपोर्ट:-शमीम 
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के भारत को आत्मनिर्भर बनाने के विजन के अनुसरण में, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) ने आज भारत मंडपम में घरेलू व्यवसाय भागीदारों, उद्योग संघों, शिक्षाविदों और अनुसंधान संस्थानों के साथ संवाद का तीसरा संस्करण ‘बीएचईएल संवाद 3.0’ का आयोजन किया। भारी उद्योग मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित यह कार्यक्रम ‘अनुसंधान एवं नवाचार से विकास’ विषय पर केन्द्रित था।

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री, डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने अपने संबोधन में ‘स्थानीय के लिए मुखर हों (वोकल फॉर लोकल)’ होने के प्रधानमंत्री जी के आह्वान का हवाला देते हुए, उद्योग जगत को उनके सामने खड़ी चुनौतियों का समाधान निकालने और 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की आकांक्षा को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने भारी उद्योग मंत्रालय की ‘वार्षिक क्षमता निर्माण योजना (एसीबीपीएस)’ पर एक पुस्तिका जारी की। यह पुस्तिका प्रधानमंत्री के मिशन कर्मयोगी के विज़न के अनुरूप मंत्रालयों, विभागों एवं संगठनों में वर्षवार क्षमता निर्माण पहलों और प्रमुख रणनीतिक क्षेत्रों को रेखांकित करती है। उन्होंने इस अवसर पर बीएचईएल की अनुसंधान एवं विकास संग्रह पुस्तिका ‘अनुसंधान से आत्मनिर्भर’ का भी अनावरण किया।

पावर और भारी उद्योग राज्य मंत्री, श्री कृष्णपाल गुर्जर ने प्रधानमंत्री जी के ‘पंचामृत’ लक्ष्यों की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। ‘पंचामृत’ लक्ष्यों में 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन की प्रतिबद्धता के साथ वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षमता के 500 गीगावाट तक पहुंचने और अक्षय ऊर्जा के माध्यम से कम से कम 50% ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करके, जलवायु परिवर्तन के प्रति प्रतिबद्धता का पालन करना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत प्रचुर नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों से सम्पन्न होने के कारण हरित हाइड्रोजन का वैश्विक रूप से शीर्ष उत्पादक बनने के लिए तैयार है।

श्री कामरान रिज़वी, सचिव (भारी उद्योग) ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में बताया कि भारी उद्योग मंत्रालय पूंजीगत माल और ऑटोमोटिव उद्योगों के विकास हेतु पारिस्थितिकी तंत्र उपलब्ध कराने की दिशा में वृहद स्तर पर काम कर रहा है। उन्होंने देश में औद्योगिक परिदृश्य को आकार देने में बीएचईएल की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि बीएचईएल ने विद्युत उत्पादन, पारेषण, परिवहन एवं रक्षा उपकरणों तथा प्रौद्योगिकियों की विस्तृत श्रृंखला विकसित एवं विनिर्मित की है, जिससे आयात पर भारत की निर्भरता को कम करने में काफी मदद मिली है। श्री रिजवी ने कहा कि बीएचईएल संवाद जैसी पहलें आत्मनिर्भर भारत के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं।

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इससे पहले कार्यक्रम की शुरूआत में; श्री कोप्पू सदाशिव मूर्ति, सीएमडी, बीएचईएल ने प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए, सभी हितधारकों से इस कार्यक्रम के तकनीकी सत्रों में सार्थक चर्चा करने, विचारों को गढ़ने और ऐसे वातावरण का निर्माण करने का आह्वान किया जो मुक्त संचार एव आपसी समझ को बढ़ावा दें।

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इस अवसर पर बीएचईएल की सफलता के भागीदारों में से उन स्टार परफॉरमर्स को सम्मानित किया गया, जिन्होंने आत्मनिर्भर भारत में योगदान दिया है।

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