Advertisement
दिल्लीभारत

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने पिक्सल स्पेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।

 

रिपोर्ट:-शिवा वर्मा/यूपी ब्रेकिंग न्यूज़

यह परियोजना फसलों का मानचित्रण करने, फसलों के विभिन्न चरणों के मध्य अंतर करने, फसलों के स्वास्थ्य की निगरानी और मृदा जैविक कार्बन आकलन पर केंद्रित विश्लेषणात्मक मॉडल विकसित करने के लिये पिक्सल के खोजी उपग्रहों से प्राप्त हाइपरस्पेक्ट्रल डेटा के नमूने का लाभ उठाने पर केंद्रित है। युवा स्टार्टअप के साथ इस प्रकार के सहयोग से उन्नत उपग्रह इमेजिंग तकनीक, के उपयोग से नवीन भू-स्थानिक समाधान विकसित करने में काफी मदद मिलेगी: श्री मनोज आहूजा। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने पिक्सल स्पेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर, सचिव, डीएंडएफडब्ल्यू, श्री मनोज आहूजा, अपर सचिव, डीएंडएफडब्ल्यू, श्री प्रमोद कुमार मेहरदा और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आज नई दिल्ली में किया। एमएनसीएफसी के निदेशक श्री सी एस मूर्ति ने भारत सरकार की ओर से एमओयू पर हस्ताक्षर किए जबकि, पिक्सल स्पेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, का प्रतिनिधित्व श्री अभिषेक कृष्णन, चीफ ऑफ स्टाफ ने किया। इसका लक्ष्य पिक्सल के हाइपरस्पेक्ट्रल डेटा सेट का उपयोग करके भारतीय कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के लिए नि:शुल्क आधार पर विभिन्न भू-स्थानिक समाधान विकसित करना है। यह परियोजना फसल मान चित्रण, फसलों के विभिन्न चरणों के मध्य अंतर करने, फसल स्वास्थ्य निगरानी और मिट्टी में कार्बनिक कार्बन के आकलन पर केंद्रित विश्लेषणात्मक मॉडल विकसित करने के लिये पिक्सल के पथ-खोजी उपग्रहों से प्राप्त हाइपर स्पेक्ट्रम डेटा के नमूनों का लाभ उठाने पर केंद्रित है। सरकार को पिक्सल द्वारा उपलब्ध कराए गए हाइपरस्पेक्ट्रल डेटा, उपयोग के तरीके विकसित करने में सक्षम करेंगे। डीएंडएफडब्ल्यू की ओर से एमएनसीएफसी उपयुक्त कार्यप्रणाली विकसित करने और लागू करने के लिए पिक्सल टीम के साथ सहयोग करेगा। हाइपरस्पेक्ट्रल रिमोट सेंसिंग तकनीक में उपग्रहों द्वारा संकीर्ण तरंग दैर्ध्य बैंड के वर्ण कर्मी माप शामिल हैं और ऐसे माप फसलों और मिट्टी के स्वास्थ्य की निगरानी और आकलन करने के लिए कुछ अद्वितीय सूचकांक प्रदान करते हैं। यह कृषि की निगरानी के लिए अद्वितीय क्षमताओं वाली एक उभरती हुई तकनीक है। हाइपरस्पेक्ट्रल डेटा का उपयोग करके क्लोरोफिल और फसलों की नमी की स्थिति में परिवर्तन का पता लगाकर, फसल स्वास्थ्य की निगरानी करना किसानों के लिए फसल-जोखिम प्रबंधन समाधान खोजने में फायदेमंद होगा। मिट्टी के कार्बनिक मूल्यांकन सहित मृदा-पोषक तत्व, मानचित्रण हाइपरस्पेक्ट्रल प्रौद्योगिकी के महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों में से एक है। सेंसर द्वारा मापे गए मृदा परावर्तन अवलोकन, मिट्टी में कार्बनिक कार्बन का अनुमान लगाने के लिए अधिक प्रत्यक्ष और प्रभावी आँकड़े प्रदान करते हैं। इससे हाइपरस्पेक्ट्रल का उपयोग करके फसल तनाव का शीघ्र पता लगाने, कीट/बिमारी या पानी के कारण फसल तनाव का सटीक निदान विकसित करने में भी मदद मिलेगी। हाइपरस्पेक्ट्रल डेटा लाखों किसानों को लाभान्वित करने की सरकार के वर्तमान सलाहकार प्रणाली को मजबूत करने के लिए कई अवसर प्रदान करता है। सचिव, डीएफडब्ल्यू, ने कहा कि युवा स्टार्टअप कंपनी के साथ इस प्रकार के तालमेल से उन्नत उपग्रह इमेजिंग तकनीक का उपयोग करके नवीन भू स्थानिक समाधान विकसित करने में काफी मदद मिलेगी। नई तकनीक, विलंबकारी और त्रुटियों की संभावना वाली मैनुअल सर्वेक्षण और मापों पर निर्भरता को कम करेगी।

advertisement

UP BREAKING NEWS

UP BREAKING NEWS is a National news portal based in Barabanki, India, with a special focus on Uttar Pradesh. We reach netizens throughout the globe – anywhere, anytime on your laptop, tablet and mobile – in just one touch. It brings a beautiful blend of text, audio and video on Politics, National, International, Bureaucracy, Sports, Business, Health, Education, Food, Travel, Lifestyle, Entertainment, Wheels, and Gadgets. Founded in 2017, by a young journalist Shiva Verma. It particularly feeds the needs of the youth, courageous and confident India. Our motto is: Fast, Fair and Fearless.

Related Articles

Back to top button
error: Sorry !!