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बाराबंकी

कुंवर उमेश सिंह विधि के स्वर्णिम युग के स्वर्णिम व्यक्तित्व के स्वामी थे – वाई0एस0 लोहिया

स्टेट हेड शमीम की रिपोर्ट

बाराबंकी। कुंवर उमेश सिंह विधि के स्वर्णिम युग के स्वर्णिम व्यक्तित्व के स्वामी थे विधि के क्षेत्र को उन्होंने समृद्धि किया आज जरूरत इस बात की है कि विधि व्यवसाय को पुनः नई ऊचांईयों पर ले जाने की जरूरत है इसलिए अधिवक्ता कुंवर उमेश सिंह के चरित्र को अपनाना पड़ेगा।
यह विचार इण्डियन एसोसिएशन ऑफ लायर्स के राष्ट्रीय महासचिव वाई0एस0 लोहिया ने गांधी भवन में आयोजित स्मृति सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी न्याय व्यवस्था में जो कमियां आयी है वह व्यवस्थागत है जिनको दूर किया जाना आवश्यक है।
स्मृति सभा को जिला बार एसोसिएशन बाराबंकी एलडर्स कमेटी के अध्यक्ष अधिवक्ता जुबेर अंसारी ने कहा कि ‘‘कुंवर उमेश सिंह सटीक जिरह व बहस करते थे विधि विशेषज्ञ के साथ-साथ वह तीर अंदाजी के भी शौकीन थे।’’
सुप्रसिद्ध खिलाड़ी हाजी सलाउद्दीन ने कुंवर उमेश सिंह के खेल प्रेम को उजागर किया इन्कलाब के ब्योरो चीफ सुप्रसिद्ध पत्रकार मो0 तारिक खान ने कहा कि ‘‘अधिवक्ता कुंवर उमेश सिंह से हमारे पारिवारिक सम्बन्ध थे और वह गुणों के खान थे।’’
स्मृति सभा को उच्च न्यायालय के अधिवक्ता मुस्तफा खान श्याम सुन्दर दीक्षित, विनय दास, डॉ0 एस0एम0 हैदर, अनिल निगम, बलराम पाण्डेय, उपेन्द्र सिंह, पंकज अवस्थी, अरविन्द वर्मा, बृजमोहन वर्मा, नरेन्द्र वर्मा पूर्व महामंत्री, हुमायू नईम खान, पंडित राजनाथ शर्मा आदि ने सम्बोधित किया। बृजेश कुमार दीक्षित पूर्व अध्यक्ष, सुरेन्द्र प्रताप सिंह ‘बब्बन’, विजय प्रताप सिंह, पुष्पेन्द्र सिंह, निर्मल वर्मा, नीरज वर्मा, गिरीश चन्द्र, भूपेन्द्र पाल सिंह, राजेन्द्र बहादुर सिंह, श्याम सिंह, राजकुमार सिंह, नरेन्द्र वर्मा, अंकुल वर्मा, गौरी रस्तोगी, प्रवीण कुमार, शिवदर्शन वर्मा, मो0 कदीर, अंशुलता मिश्रा, अशोक कुमार वर्मा मो मोहतसिम व चन्द्र शेखर आदि प्रमुख लोग थे। सभी लोगों ने उनके चित्र पर मल्यार्पण भी किया।
स्मृति सभा की अध्यक्षता पवन कुमार वैश्य, संचालन विभव मिश्रा तथा आयोजन रणधीर सिंह सुमन ने किया था ।

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