ए०डी०आर०भवन में लोक अदालत के बारे में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

रिपोर्ट :-शिवा वर्मा (संपादक)
बाराबंकी। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ की मंशानुरूप एवं श्री रवीन्द्र नाथ दूबे जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा निर्देशन में दिनांक-05.04.2023 को ए०डी०आर०भवन में लोक अदालत के बारे में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
उक्त शिविर में श्रीमती नाजनीन बानो अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बाराबंकी, श्री राकेश अध्यक्ष स्थायी लोक अदालत, बाराबंकी व श्री अरूणेश मिश्र सदस्य स्थायी लोक अदालत, बाराबंकी के द्वारा प्रतिभाग किया गया।
उक्त शिविर में श्रीमती नाजनीन बानो अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बाराबंकी द्वारा बताया गया कि मामलों का त्वरित निस्तारण व्यक्ति का मूल अधिकार होता है। विचारण में विलम्ब से न्याय पालिका के प्रति आस्था में गिरावट आने लगती है। इस स्थिति में निपटने के लिये समय-समय पर प्रयास किये जाते रहे है, जिसमें फास्ट ट्रैक न्यायालय व लोक अदालत बहुत महत्वपूर्ण है। लोक अदालत दो प्रकार की होती है, एक स्थायी लोक अदालत और दूसरी अस्थायी लोक अदालत। आगामी दिनांक-13.05.2023 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाना है जिसमें व्यक्ति अपने छोटे-छोटे मामलों का त्वरित निस्तारण सुलह समझौता के माध्यम से करा सकते है।
श्री राकेश अध्यक्ष स्थायी लोक अदालत, बाराबंकी द्वारा बताया गया कि स्थायी लोक अदालत का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के अन्तर्गत जनउपयोगी सेवाएं के लिए किया गया है जिनमें वायु, सड़के या जलमार्ग द्वारा यात्रियों या माल के वहन के लिए यातायात सेवा, डाक, तार या टेलीफोन सेवा, विद्युत सेवा, जल सेवा, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा सेवा, बीमा सेवा, रियल स्टेट इत्यादि प्रमुख है। स्थायी लोक अदालत को एक करोड़ रूपये तक के वादों की सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त है। स्थायी लोक अदालत में किसी प्रकार का न्याय शुल्क देय नही है।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आने वाली महिलायें, आम जनमानस व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण उपस्थित रहे।