Advertisement
राजस्थान

एससी-एसटी अत्याचार प्रकरणों में संवेदनशीलता से त्वरित जांच हो और मिले न्याय -(मुख्यमंत्री)

नए जिलों में एससी-एसटी एक्ट की जांच के लिए डिप्टी एसपी की अध्यक्षता में बनेगी सैल।

 

रिपोर्ट :- शिवा वर्मा (संपादक)

महिलाओं एवं बाल अपराधों के लिए एडिशनल एसपी की अध्यक्षता में बनेगी सिकाउ (SIUCAW) यूनिट!

राजस्थान जयपुर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार को अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता और मॉनिटरिंग समिति की बैठक हुई। मुख्यमंत्री निवास पर बैठक में श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की संवेदनशीलता और पुलिस की कार्रवाई से एससी-एसटी वर्ग को न्याय सुनिश्चित हो रहा है।

श्री गहलोत ने कहा कि एससी-एसटी अत्याचार के मामलों में पुलिस द्वारा पूरी संवेदनशीलता के साथ बिना किसी दबाव व भयमुक्त होकर त्वरित अनुसंधान कर उन्हें न्याय दिलाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस पर आम जनता की सुरक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। पुलिस द्वारा तुरंत एक्शन कर अपराधियों की गिरफ्तारियां की जा रही है।

विज्ञापन

मुख्यमंत्री ने कहा कि एससी-एसटी के प्रकरणों में एफआर के बाद भी पुलिस द्वारा प्रकरणों के रिव्यू का दायरा और बढ़ाया जाए। उन्होंने एससी-एसटी के लम्बित प्रकरणों में जांच कम से कम समय में पूरी करने, पुलिस में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की दिशा में कदम उठाने, महिलाओं के विरूद्ध अपराधों को रोकने केे लिए सामाजिक जनजागृति के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि थानों में निर्बाध पंजीकरण के फैसले से संख्या में जरूर वृद्धि हुई है, लेकिन पूरे देश में सराहना भी हो रही है। इससे परिवादियों में पुलिस के प्रति सकारात्मक संदेश पहुंचा है।

विज्ञापन 2

विज्ञापन 3

बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में समिति द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है।

विज्ञापन 4

इनमेंः

विज्ञापन 5

1ः नए जिलों में एससी-एसटी एक्ट की जांच के लिए डिप्टी एसपी की अध्यक्षता में सैल बनेगी।
2ः महिलाओं एवं बाल अपराधों के लिए एडिशनल एसपी की अध्यक्षता में सिकाउ यूनिट बनेगी।
3ः एससी-एसटी एक्ट के प्रकरणों के निस्तारण का समय वर्ष 2017 में 197 दिन था। अब यह समय 64 दिन रह गया है। इसे 60 दिन से भी कम करने के प्रयास किए जाएंगे।
4ः एससी-एसटी एक्ट के मामलों में पीड़ित प्रतिकर सहायता का भुगतान समयबद्ध तरीके से हो। केंद्र सरकार से मिलने वाला राशि में विलम्ब होने पर केंद्र सरकार से पत्राचार किया जाएगा।
5. एससी-एसटी एक्ट की एफआईआर के साथ ही पीड़ित को पीड़ित प्रतिकर योजना का लाभ देने के लिए जरूरी जानकारियां भी पुलिस द्वारा तत्समय सुनिश्चित किया जाए।
6. साथ ही, 2 अप्रेल 2018 को हुए आंदोलन में एससी-एसटी वर्ग के विरुद्ध दर्ज अधिकांश मुकदमों को सरकार द्वारा निस्तारण किया जा चुका है। शेष मुकदमों को शीघ्रता से निस्तारण किया जाएगा।
7. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अंतर्गत संचालित छात्रावासों की संख्या को चरणबद्ध रूप से बढ़ाकर क्षमता 50 हजार से दोगुनी कर 1 लाख की जाएगी। इसमें बालिकाओं की संख्या को वर्तमान की 15,000 से बढ़ाकर 50,000 एवं बालकों की संख्या को वर्तमान में 35 हजार से 50 हजार किया जाएगा।
8. ब्लॉक स्तर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के कार्यालय शुरू करने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है।
9. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के छात्रावासों में अध्ययनरत बालिकाओं एवं बालकों से मुख्यमंत्री का संवाद कार्यक्रम किया जाएगा।
बैठक में पुलिस अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतिकरण ने बताया कि राज्य सरकार की संवेदनशील नीतियों के कारण एससी-एसटी अपराधों में कन्विक्शन रेट 12 प्रतिशत बढ़ी है। राजस्थान में एससी के प्रकरणों में कन्विक्शन रेट 42 प्रतिशत जबकि समस्त भारत का औसत 36 प्रतिशत, एसटी के प्रकरणों में कन्विक्शन रेट 45 प्रतिशत जबकि समस्त भारत का औसत 28 प्रतिशत है। यह देश में सर्वाधिक है। इसे और बेहतर बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अनिवार्य एफआईआर पंजीकरण के बावजूद भी अभी तक वर्ष 2023 में पिछले वर्ष के मुकाबले एससी-एसटी के विरुद्ध अपराध के दर्ज मुकदमों में 4 प्रतिशत की कमी आई है। एफआईआर के अनिवार्य पंजीकरण नीति से एससी-एसटी वर्ग को बड़ी राहत मिली है। वर्ष 2015 में एससी-एसटी एक्ट के करीब 51 प्रतिशत मामले अदालत के माध्यम से सीआरपीसी 156(3) से दर्ज होते थे, अब महज 10 प्रतिशत रह गए हैं।

बैठक में मुख्यमंत्री निवास पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री टीकाराम जूली, विधायक श्री जे.पी. चंदेलिया, श्री प्रशांत बैरवा, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, महानिदेशक पुलिस श्री उमेश मिश्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अखिल अरोड़ा, प्रमुख शासन सचिव गृह श्री आनंद कुमार, अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस सिविल राइट्स एंड एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग श्रीमती स्मिता श्रीवास्तव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। वीसी के जरिए विधायक श्री पदमाराम और हीराराम मेघवाल शामिल हुए।

advertisement

UP BREAKING NEWS

UP BREAKING NEWS is a National news portal based in Barabanki, India, with a special focus on Uttar Pradesh. We reach netizens throughout the globe – anywhere, anytime on your laptop, tablet and mobile – in just one touch. It brings a beautiful blend of text, audio and video on Politics, National, International, Bureaucracy, Sports, Business, Health, Education, Food, Travel, Lifestyle, Entertainment, Wheels, and Gadgets. Founded in 2017, by a young journalist Shiva Verma. It particularly feeds the needs of the youth, courageous and confident India. Our motto is: Fast, Fair and Fearless.
Back to top button
error: Sorry !!