एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के माध्यम से सशक्त हो रहे जनजातीय छात्र।
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के माध्यम से सशक्त हो रहे जनजातीय छात्र

रिपोर्ट :- शिवा वर्मा/ यूपी ब्रेकिंग न्यूज़
Jaipur
भारत सरकार ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के विधार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने पर काफी जोर दिया है। यह स्वीकार करते हुए शैक्षक विकास, आर्थिक और सामाजिक प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है। केंद्र सरकार ने 50% या अधिक अनुसूचित जनजाति (एसटी) आबादी और कम से कम 20,000 जनजातीय व्यक्तियो वाले प्रत्येक ब्लॉक में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) स्थापित करने का निर्णय लिया है। 3.5 लाख एसटी छात्रो को लाभान्वित करने के लिए वर्ष 2025-26 तक देशभर मे कुल 740 ईएमआरएस स्थापित करने का प्रस्ताव है।
2014 से पहले, 167 ईएमआरएस स्वीकृत किये गये थे जिनमें से केवल 119 संचालित थे। हालांकि, पिछले 9 वर्षों मे स्वीकृत स्कूलो की संख्या मे काफी वृद्दि हुई है और ये बढ़कर 690 हो गयी है। इनमे से 401 ईएमआरएस देशभर मे संचालित किए जा रहे है। जिनमे 1.13 लाख से अधिक छात्रों को शिक्षा प्रदान की जा रही है।इससे महत्वपूर्ण रुप से 51 प्रतिशत लड़कियो का नामांकन शामिल है जो शैक्षिक अवसरो तक उनकी पहुच सुनिश्चित करता है।
राजस्थान में कुल 31 ईएमआरएस स्कूल स्वीकृत है। जिनमे से 30 संचालित किये जा रहे है।
केन्द्रीय बजट 2023-24 मे, भारत सरकार ने 3.5 लाख आदिवासी छात्रों को शिक्षा प्रदान करने वाले 740 एकलव्य मॉड़ल आवासीय विद्धालयों के लिए अगले 3 वर्षों मे 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भर्ती की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त सरकार ने 175 स्कूलों मे प्रोधोगिकी युक्त कक्षाओं को स्थापित करने की योजना बनायी है।
ईएमआरएस योजना एसटी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और समग्र विकास के अवसर प्रदान करने मे सहायक रही है। सामूहिक रुप से इन प्रयासो का उद्रदेश्य शैक्षिक अन्तर को कम करना और उज्जवल भविष्य के लिए आवश्यक कौशल और अवसरो के साथ आदिवासी छात्रों को सशक्त बनाना है।