रिपोर्ट :-शिवा वर्मा (सम्पादक)
बाराबंकी। तहसील नवाबगंज के अंतर्गत फखरुद्दीन अली अहमद कमेटी उत्तर प्रदेश सरकार एवं गुलज़ार फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सेमिनार “उर्दू जबान में कौमी यकजहती का शऊर” की अध्यक्षता तारिक जीलानी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में सैय्यद अतहर सगीर ज़ैदी ‘तूरज जैदी’ तथा सहित्यकार डॉ0 सत्या सिंह उपस्थित रहीं।सेमिनार में डॉ0 अनवर हुसैन खान,डॉ0 अंजुम बाराबंकवी,डॉ0 एस एम हैदर,सगीर नूरी,शकील गयावी, फ़ैज़ खुमार बाराबंकवी उबैद अशशू ने अपने अपने मकाले पढ़े तथा मुस्तफा खां,किरण भारद्वाज,एड लता श्रीवास्तव, आदर्श गुलसिया ने विचार व्यक्त किये। डॉ0 बलराम वर्मा,डॉ0 विनय दास,प्रदीप सारंग अंतरराष्ट्रीय कवि अंजुम बाराबंकवी प्रशांत मिश्रा ने अपने अपने विचार व्यक्त किए और कार्यक्रम में मौजूद,दिनेश प्रसाद वर्मा,डॉ0 सुहैल,पंकज कंवल,रवि भारती,रत्नेश कुमार,ए एकबाल राही,अनीता शुक्ला,नीलम वर्मा,ए हिसार बारी,अब्दुल खालिक तथा सैकड़ो की तादाद में शोराएकराम मौजूद रहे। मुख्य अतिथि सैय्यद अतहर सगीर ज़ैदी चेयरमैन फखरुद्दीन अली अहमद कमेटी ने कहा कि सरकार उर्दू पढ़ने वालों को गोल्ड मैडल तथा स्कॉलरशिप देकर उर्दू को प्रोत्साहन प्रदान कर रही है। उर्दू में डॉक्टरेट करने वालो के लिए भी 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। वहीं तूरज जैदी ने अफसोस भी जताया कि बाराबंकी से एक भी आवेदन पिछले वर्ष नहीं आया है। गुलजार फाउंडेशन की सचिव गुलज़ार बानो ने अंत में सभी का आभार व्यक्त किया और इतना कामयाब प्रोग्राम बनाने के लिए सभी का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया।