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भारत

श्रीलंका के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का प्रेस वक्तव्य। भारत,दिल्ली,देश,विदेश

रिपोर्ट :- शिवा वर्मा संपादक/ समित अवस्थी मंडल संपादक अयोध्या/ देवीपाटन 

महामहिम, राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिन्घे,दोनों देशों के प्रतिनिधि,मीडिया के सभी साथी,नमस्कार!

आयु बोवन!
वणक्कम्!

मैं राष्ट्रपति विक्रमसिन्घे और उनके प्रतिनिधिमंडल का भारत में हार्दिक स्वागत करता हूँ। आज राष्ट्रपति विक्रमसिन्घे अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूरा कर रहे हैं। इस अवसर पर मैं उन्हें हम सभी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ। पिछला एक वर्ष, श्रीलंका के लोगों के लिए चुनौतियों से भरा रहा है। एक निकटतम मित्र होने के नाते, हमेशा की तरह, हम इस संकट के काल में भी श्रीलंका के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। और जिस साहस के साथ, उन्होंने इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना किया, उसके लिए मैं श्रीलंका के लोगों का ह्रदय से अभिनंदन करता हूँ।

मित्रों,

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हमारे संबंध हमारी सभ्यताओं की तरह ही प्राचीन भी है और व्यापक भी हैं। भारत की “पड़ोसी देश पहले” नीति और “सागर” विज़न, दोनों में भी श्रीलंका का एक महत्वपूर्ण स्थान है। आज हमने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। हमारा मानना है, कि भारत और श्रीलंका के सुरक्षा हित और विकास एक दूसरे से जुड़ें हैं। और इसलिए, यह आवश्यक है कि हम एक-दूसरे की सुरक्षा और संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए साथ मिलकर काम करें।

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मित्रों,
आज हमने हमारी आर्थिक साझेदारी के लिए एक दृष्टिपत्र (विजन डक्यूमेंट) अपनाया है। यह विज़न है – दोनों देशों के लोगों के बीच समुद्री, वायु, ऊर्जा और लोगों के आपसी संबंध को मजबूती देने का। यह विज़न है – पर्यटन, विद्युत, व्यापार, उच्च शिक्षा, और कौशल विकास में आपसी सहयोग को गति देने का यह विज़न है।

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श्रीलंका के प्रति भारत की दीर्घावधि प्रतिबद्धता का।

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मित्रों,

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हमने तय किया है कि आर्थिक और प्रौद्योगिकी सहयोग समझौते पर शीघ्र ही बातचीत शुरू की जाएगी। इससे दोनों देशों के लिए व्यापार और आर्थिक सहयोग की नई संभावनाएं खुलेंगी।हम भारत और श्रीलंका के बीच हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सहमत हैं। व्यापार और लोगों का आवागमन बढ़ाने के लिए, तमिलनाडु के नागपट्टनम और श्रीलंका के कांके-संतुरई के बीच यात्री फेरी सेवा शुरू करने का निर्णय भी लिया गया है।
हमने तय किया है, कि दोनों देशों के बीच बिजली ग्रिड को जोड़ने के काम को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। भारत और श्रीलंका के बीच, पेट्रोलियम पाइपलाइन के लिए संभावना अध्ययन किया जाएगा। इसके अलावा, एक सड़क पुल की संभावना को भी जांचने का निर्णय लिया गया। आज श्रीलंका में यूपीआई के शुभारंभ करने के लिए हुए समझौते से फिनटेक कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी।

मित्रों

आज हमने मछुआरों की आजीविका से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की। हम सहमत हैं, कि हमें इस मामले में एक मानवीय दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए। हमने श्रीलंका में पुनर्निमाण और समन्वय पर भी बात की। राष्ट्रपति विक्रमसिन्घे ने अपने समावेशी दृष्टिकोण के बारे में मुझे बताया। हम आशा करते हैं कि श्रीलंका सरकार तमिलों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी। समानता, न्याय और शांति के लिए पुनर्निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी। तेरहवें संशोधन का कार्यान्वयन और प्रांतीय परिषद चुनाव कराने की अपनी प्रतिबद्धता को पूर्ण करेगी और, श्रीलंका के तमिल समुदाय के लिए आदर और सम्मान की जिंदगी सुनिश्चित करेगी।

मित्रों,

यह वर्ष हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए विशेष महत्त्व रखता है। हम अपने राजनयिक संबंधों की पचहत्तरवीं वर्षगांठ मना रहें हैं। साथ ही, भारतीय मूल का तमिल समुदाय, श्रीलंका में अपने आगमन के 200 वर्ष पूरे कर रहा है। मुझे यह कहते हुए खुशी है, कि इस अवसर पर, श्रीलंका के भारतीय मूल के तमिल नागरिकों के लिए 75 करोड़ रूपए की लागत से विभिन्न परियोजनाएं कार्यान्वित की जाएंगी। इसके साथ-साथ, भारत श्रीलंका के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्र में भी विकास कार्यक्रमों में योगदान देगा।

महामहिम,

एक स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध श्रीलंका न केवल भारत के हित में है, बल्कि पूरे हिंद महासागर क्षेत्र के हित में है। मैं एक बार फिर आश्वासन देता हूँ, कि श्रीलंका के लोगों की इस संघर्ष की घड़ी में भारत के लोग उनके साथ हैं।
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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