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इस्‍पात मंत्रालयभारत

इस्पात उद्योग में डीकार्बोनाइजेशन की दिशा में सरकार द्वारा की गई पहल

रिपोर्ट:-शमीम 

सरकार द्वारा इस्पात उद्योग में डीकार्बोनाइजेशन की दिशा में की गई विभिन्न पहल इस प्रकार हैं:-

 

  1. इस्पात क्षेत्र के डीकार्बोनाइजेशन के विभिन्न स्तरों पर विचार-विमर्श करने और सिफारिश करने के लिए उद्योग, शिक्षा जगत, विचार मंच, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थाओं, विभिन्न मंत्रालयों तथा अन्य हितधारकों की भागीदारी के साथ 14 कार्य बलों का गठन किया गया है।
  2. इस्पात कचरा पुनर्चक्रण नीति, 2019 इस्पात निर्माण में कोयले की खपत को कम करने के लिए घरेलू स्तर पर उत्पन्न कचरे की उपलब्धता को बढ़ाती है।
  3. नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने हरित हाइड्रोजन उत्पादन और उपयोग के लिए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की है। मिशन में इस्पात क्षेत्र को भी हितधारक बनाया गया है।
  4. मोटर वाहन (वाहन स्क्रैपिंग सुविधा का पंजीकरण एवं कार्य) नियम सितंबर 2021, इस्पात क्षेत्र में इसके अपशिष्ट की उपलब्धता बढ़ाने की परिकल्पना करता है।
  5. जनवरी 2010 में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा शुरू किया गया राष्ट्रीय सौर मिशन सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देता है और इस्पात उद्योग के उत्सर्जन को कम करने में भी मदद करता है।
  6. उन्नत ऊर्जा दक्षता के लिए राष्ट्रीय मिशन के तहत प्रदर्शन, उपलब्धि एवं व्यापार (पीएटी) योजना, इस्पात उद्योग को ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
  7. इस्पात क्षेत्र ने आधुनिकीकरण और विस्तार परियोजनाओं में विश्व स्तर पर उपलब्ध सर्वोत्तम प्रौद्योगिकियों (बीएटी) को अपनाया है।
  8. ऊर्जा दक्षता सुधार के लिए जापान की नई ऊर्जा और औद्योगिक प्रौद्योगिकी विकास संगठन (एनईडीओ) मॉडल परियोजनाओं को इस्पात संयंत्रों में लागू किया गया है।

हरित इस्पात के लिए वर्गीकरण का विकास एक वैश्विक चिंता है और भारत भी इस परिस्थिति से अनभिज्ञ नहीं है। इस दिशा में, इस्पात मंत्रालय ने इस पर चर्चा, विचार-विमर्श एवं सिफारिश करने के उद्देश्य से उद्योग, शिक्षा जगत, विचार मंच, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थाओं, विभिन्न मंत्रालयों/विभागों तथा अन्य हितधारकों की भागीदारी के साथ हरित इस्पात के लिए वर्गीकरण के विकास पर काम करने हेतु एक कार्य बल का गठन किया है।

इस्पात राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी है।

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