दबंग शोहदों की छेड़छाड़ से परेशान दलित नाबालिग ने मौत को लगाया गले।
दुराचार की कोशिश करने वाला आरोपी कर रहा था बालिका को टॉर्चर।
ग्रामीणों की मानें तो पुलिस के समझौता करवाने के प्रयास से आहत हुई थी बालिका।
रिपोर्ट :- शिवा वर्मा/यूपी ब्रेकिंग न्यूज
हैदरगढ़, बाराबंकी। जिले में एक बार फिर पुलिस की संवेदनहीनता जहां सामने आई है. वहीं महिला उत्पीड़न में पुलिस की कार्यशैली का भी खुलासा हो गया जिसने जहां खाकी को दागदार किया वहीं सरकार के मिशन शक्ति को लेकर जारी तमाम कोशिशों व दावों की भी हवा निकाल कर रख दी है। जिसमें एक दलित नाबालिग लड़की के साथ गांव के ही दबंग शोहदे ने दुराचार का प्रयास किया। बालिका की शिकायत पर जब पीड़िता के परिवारीजनों ने मुकामी थाने में तहरीर देकर बालिका के साथ दुराचार के प्रयास की शिकायत दर्ज करवानी चाही तो परिवारीजनों व ग्रामीणों के बताए अनुसार मुकामी पुलिस ने उन सभी को दिन भर थाने मे ंबैठाए रखा और शाम को जबरन सुलह करवा परिवारीजनो को थाने से उल्टे पैर लौटा दिया। अपनी इतनी बेईज्जती देख आहत हुई बालिका ने ग्रामीणों के बताए अनुसार मौत फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया।
पूरा मामला हैदरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम बेहटा का है। यहां बुधवार की रात 16 वर्षीय किशोरी ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. गुरुवार की सुबह उसकी मां ने जब दरवाजा खोला तो किशोरी का शव छत में लगी लकड़ी की बल्ली पर दुपट्टे से लटका मिला. शव देखकर घर में चीख-पुकार मच गई। घटना की जानकारी होते ही मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई. परिजनों ने इसकी सूचना ग्राम प्रधान को दी ग्राम प्रधान के मौके पर आने के बाद परिजनों ने शव को फंदे से नीचे उतरवाया और जानकारी हैदरगढ़ पुलिस को दी।
पीड़िता की फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेने की सूचना से पुलिस महकमें में हड़कम्प मच गया। कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची।. पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजना चाहा तो रोते बिलखते परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया।. उन्होंने कहा कि दुष्कर्म का प्रयास करने वाले आरोपी युवक और इस मामले में ठोस कार्रवाई ना करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई मुकम्म्ल होने तक वह पोस्टमार्टम नहीं कराएंगे। साथ ही साथ कहा कि पुलिस का कोई बड़ा अधिकारी आकर कार्रवाई का आश्वासन दे, तभी शव को पीएम के लिए भेजा जाएगा।