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कोयला मंत्रालयभारत

आठ प्रमुख उद्योगों में कोयला क्षेत्र ने सितंबर मास के दौरान 16.1 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि अर्जित की

सितंबर माह में 67.27 मिलियन टन कोयले का उत्पादन हुआ जबकि पिछले वर्ष सितंबर में 58.04 मिलियन टन कोयले का उत्पादन हुआ था

कोयला मंत्रालय की अभी हाल की रणनीतिक पहलों से विकास को बढ़ावा मिला है

रिपोर्ट:-शमीम 

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा सितंबर 2023 महीने के लिए जारी किए गए आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांक के अनुसार, कोयला क्षेत्र का सूचकांक 16.1 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि के साथ 148.1 अंक पर पहुंच गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 127.5 अंक रहा था। पिछले 14 महीनों में, अगस्त 2023 को छोड़कर यह सबसे अधिक वृद्धि हुई है।

नवीनतम आंकड़ों से यह पता चलता है कि आठ प्रमुख उद्योगों के संयुक्त सूचकांक में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में सितंबर 2023 में 8.1 प्रतिशत (अनंतिम) की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज हुई है।

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यह सूचकांक आठ प्रमुख उद्योगों- सीमेंट, कोयला, कच्चा तेल, बिजली, उर्वरक, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद और इस्पात के संयुक्त और व्यक्तिगत उत्पादन में हुए प्रदर्शन को मापता है।

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कोयला क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि का श्रेय सितंबर 2023 के दौरान कोयला उत्पादन में हुई उल्लेखनीय वृद्धि को जाता है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान हुए 58.04 मिलियन टन के आंकड़े को पार करते हुए 67.27 मिलियन टन तक पहुंच गया है। इस प्रकार कोयला उत्पादन में 15.91 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कोयला उद्योग ने अप्रैल 2023 में 9.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जो सितंबर 2023 में बढ़कर 16.1 प्रतिशत हो गई। यह उत्पादन में लगातार हो रही वृद्धि को दर्शाता है।

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कोयला मंत्रालय ने विभिन्न रणनीतिक पहलों के माध्यम से इस विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन पहलों में खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 2021 में हुआ संशोधन, कैप्टिव खानों को कोयला या लिग्नाइट बेचने की अनुमति देना, वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए नीलामी-आधारित व्यवस्था के माध्यम से घरेलू उत्पादन को बढ़ाना, खान डेवलपर सह ऑपरेटरों (एमडीओ) को शामिल करके उत्पादन को बढ़ावा देना, कोयला उत्पादन में वृद्धि के लिए राजस्व-साझा करने के मॉडल पर बंद खानों को फिर से खोलना शामिल हैं।

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कोयला क्षेत्र की उल्लेखनीय वृद्धि और आठ प्रमुख उद्योगों के समग्र विकास में इसका योगदान कोयला मंत्रालय द्वारा किए गए लगातार प्रयासों और पहलों का प्रमाण है। मंत्रालय के ये प्रयास “आत्मनिर्भर भारत” के विजन के अनुरूप हैं जो आत्मनिर्भरता और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में राष्ट्र की प्रगति में योगदान कर रहे हैं।

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