असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को मातृत्व लाभ
रिपोर्ट:-शमीम
मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961, मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017 द्वारा यथासंशोधित, शिशु के जन्म से पहले और बाद की कुछ अवधि के लिए कुछ प्रतिष्ठानों में महिलाओं के रोजगार को विनियमित करने तथा मातृत्व लाभ और कुछ अन्य लाभ प्रदान करने से संबंधित अधिनियम है।
यह अधिनियम कारखाना, खदान या बागान जैसे प्रत्येक प्रतिष्ठान, सरकार से संबंधित किसी भी प्रतिष्ठान और ऐसे प्रत्येक प्रतिष्ठान, जिसमें घुड़सवारी, कलाबाज़ी और अन्य प्रदर्शनों को प्रस्तुत करने के लिए व्यक्तियों को नियोजित किया जाता है; और किसी राज्य में दुकानों और प्रतिष्ठानों के संबंध में उस समय लागू किसी भी कानून के आशय के दायरे में प्रत्येक दुकान या प्रतिष्ठान को, जिसमें दस या अधिक व्यक्ति कार्यरत हैं या पिछले बारह महीनों के किसी भी दिन नियोजित रह चुके हैं- पर लागू है।
कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) अधिनियम, 1948 के प्रावधानों के तहत कवर होने वाली महिला श्रमिकों को भी मातृत्व लाभ प्रदान किए जाते हैं। मातृत्व लाभ अधिनियम के अंतर्गत मातृत्व लाभ के भुगतान की हकदार प्रत्येक महिला को इस अधिनियम के तहत तब तक कवर किया जाना जारी रखा जाता है, जब तक वह ईएसआई अधिनियम, 1948 के तहत मातृत्व लाभ का दावा करने के योग्य नहीं हो जाती।
संसद ने 28.09.2020 को सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 (सीओएसएस) पारित की। इस संहिता में मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 सहित विभिन्न मौजूदा सामाजिक सुरक्षा कानूनों को समाहित कर दिया गया है।
यह संहिता उन महिला श्रमिकों को भी मातृत्व लाभ प्रदान करती है, जिन्हें इस संहिता में समाहित किए जा चुके कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) अधिनियम, 1948 के प्रावधानों के तहत कवर किया गया है। ईएसआई योजना मौसमी कारखाने के अलावा प्रत्येक ऐसे प्रतिष्ठान पर लागू होती है, जिनमें दस या अधिक व्यक्ति कार्यरत होते हैं।
सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 में अन्य बातों के साथ –साथ पहले से ही असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिला श्रमिकों को स्वास्थ्य और मातृत्व लाभ प्रदान करने में सक्षम बनाने का प्रावधान हैं। सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 की धारा 45 और धारा 109(1) पहले से ही इन श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य और मातृत्व लाभ सहित कल्याणकारी योजना (योजनाओं) के निरुपण के संबंध में प्रावधान करती है।
संहिता की धारा 1(7) किसी प्रतिष्ठान को कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) निगम के लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए स्वैच्छिक कवरेज का भी प्रावधान करती है। यह संहिता अब तक लागू नहीं हुई है।
यह जानकारी केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।