
स्टेट हेड शमीम की रिपोर्ट
बाराबंकी । आज दिनांक 31.10.2020 दिन शनिवार स्थान छाया चौराहा बाराबंकी प्रातः 10 बजे अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा के सौजन्य से सृष्टिकर्ता वाल्मीकि भगवान जी की जयंती पूर्व की भांति इस वर्ष भी हर्षोउल्लास के साथ मनायी गयी। जिसमें सर्वप्रथम वाल्मीकि महासभा द्वारा वाल्मीकि मंदिर संतोषी माता मन्दिर पर पूजा अर्चना की गई, एवं नागेश्वर नाथ धाम पर महर्षि वाल्मीकि ध्यान मन्दिर पर भी महासभा द्वारा पूजा अर्चना की गई तत्पश्चात छाया चौराहे पर महासभा द्वारा वाल्मीकि जी की प्रतिमा रखकर वाल्मीकि भगवान जी का पाठ किया एवं प्रसाद वितरण किया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा के दीपक वाल्मीकि(राष्ट्रीय सहसचिव), विशिष्ट अतिथि ऋषि वाल्मीकि (प्रदेश महासचिव) के द्वारा दीप प्रज्वल्लित की गई एवं शिवा वाल्मीकि (मण्डल अध्यक्ष) अयोध्या मण्डल द्वारा वाल्मीकि भगवान की मूर्ति पर माल्यार्पण कर पूजा अर्चना की गई। महासभा के जिलाअध्यक्ष ऋषभ वाल्मीकि द्वारा कार्यक्रम की अध्यक्षता की गई, रवि प्रकाश वाल्मीकि (जिला महासचिव) जी द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया, संदीप वाल्मीकि (जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष) जी की देखरेख में कार्यक्रम को सुसज्जित रूप से आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य रूप से महासभा के राष्ट्रीय सहसचिव दीपक वाल्मीकि जी द्वारा अपने वक्तव्य मे कहा गया कि ‘‘आधी रोटी खाएंगे,बच्चों को शिक्षा दिलाएगें।‘‘ क्योकि शिक्षा ही
एकमात्र विकल्प है जिससे समाज को आगे उन्नति के मार्ग पर ले जाया जा सकता है। एवं अमन माही (जिला मीडिया प्रभारी) जी द्वारा पूरे कार्यक्रम की समस्त रूपरेखा को तैयार करके आम जनता तक पहुँचाने का कार्य किया गया। अन्त में मुख्य रूप से अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा के समस्त पदाधिकारियों द्वारा अपने सम्बोधन के माध्यम से समस्त वाल्मीकि समाज में यह संदेश दिया गया कि अपने बच्चो को शिक्षा ग्रहण कराना है एवं नशामुक्त समाज बनाना है। जिसमें महासभा के समस्त पदाधिकारी एवं सदस्यगण निम्नवत है- सुरेन्द्र वाल्मीकि (जिला उपाध्यक्ष), राहुल वाल्मीकि (कोषाध्यक्ष), राहुल आदित्य (जिलासचिव), चंदन वाल्मीकि (जिला सहसचिव), अर्जुन वाल्मीकि (सहकोषाध्यक्ष) सुमित वाल्मीकि (सह मीडिया प्रभारी), अनूप वाल्मीकि (संगठन मत्री), अभिषेक (सह संगठन मंत्री) सदस्यगण- राजेन्द्र, सोनू, कुनाल, अर्जुन, अभिषेक, मनीष, शिवा, अतुल एवं समस्त वाल्मीकि समाज व मित्रगण।
भवदीय अमन माही